Edited By Anil dev,Updated: 19 Aug, 2021 06:20 PM
अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा काबुल और अन्य स्थानों पर कब्जा किए जाने के बाद पूरी दुनिया में रह रहे अफगान नागरिकों में चिंता की लहर दौड़ गई है।
इंटरनेशनल डेस्क: अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा काबुल और अन्य स्थानों पर कब्जा किए जाने के बाद पूरी दुनिया में रह रहे अफगान नागरिकों में चिंता की लहर दौड़ गई है। ये सभी अफगानिस्तान में अपने दोस्तों और परिवार की सुरक्षा को लेकर खौफजदा है। वहीं अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबानी आतंकी AK-47 लिए सलवार कमीज में हर जगह दिखाई दे रहे हैं। ये आतंकी जहां काबुल की चकाचौंध से हतप्रभ हैं। तालिबान के स्पेशल फोर्सेस के इन कमांडो ने अब अफगानिस्तान की राजधानी काबुल को अपने कब्जे में ले लिया है। तालिबान के आतंकी अब बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया में इन कमांडो का प्रचार करने में जुट गए हैं। इन कमांडोज के बारे में कहा जा रहा है कि अत्यंत प्रशिक्षित हैं और अमेरिकी हथियारों से लैस हैं।
M-4 राइफल का इस्तेमाल कर रहे हैं ये कमांडो
तालिबान की बदरी 313 बटालियन अत्याधुनिक अमेरिकी हथियारों से लैस है जिसे माना जा रहा है कि उन्होंने अफगान सेना से छीना है। ये कमांडो M-4 राइफल का इस्तेमाल कर रहे हैं जबकि अन्य तालिबानी लड़ाके एके-47 के साथ नजर आते हैं। तालिबानी फाइटर जहां पगड़ी पहनकर युद्ध कर रहे हैं । वहीं बदरी बटालियन के कमांडो हेल्मेट और काला चश्मा पहने दिख रहे हैं। बदरी बटालियन के कमांडो ने सलवार कमीज की जगह पर वर्दी पहन रखी है। इन तालिबानियों ने लड़ाई में इस्तेमाल किए जाने वाले जूते पहन रखे हैं। इन्हें देखकर कोई नहीं अनुमान लगा पा रहा है कि ये तालिबानी हैं या किसी देश की सेना के कमांडो। अब ये तालिबानी काबुल की सड़कों पर गश्त लगा रहे हैं।
काबुल की ऊंची इमारतें और चकाचौंध देखकर हैरान हैं युवा तालिबान लड़ाके
वहीं अफगानिस्तान की राजधानी पर कब्जा करने वाले हजारों तालिबान लड़ाकों में से एक 22 साल के एजानुल्ला ने ऐसा नजारा पहले कभी नहीं देखा था। काबुल की पक्की सड़कों पर ऊंचे-ऊंचे अपार्टमेंट, इमारतों में शीशे के कार्यालय और शॉपिंग मॉल उसे अचम्भे में डाल रहे थे। गृह मंत्रालय के भीतर उम्दा फर्नीचर के बारे में उसने कहा कि वह ऐसा था जैसा उसने सपने में भी नहीं सोचा था। एजानुल्ला ने कहा कि वह अपने कमांडर से पूछेगा कि क्या उसे यहां रहने की अनुमति मिलेगी। उसने कहा, “मैं वापस नहीं जाना चाहता।” आज का काबुल और अन्य शहर वैसे नहीं हैं जैसे 20 साल पहले के तालिबान शासन में थे जिसके लड़ाके मुख्यतः ग्रामीण इलाकों से आते हैं। अफगानिस्तान की एक पूरी पीढ़ी आधुनिकता और पश्चिमी विकास के रंग में रंगी हुई है। बहुत से लोगों को डर है कि इतने सालों में जो हासिल किया है वह तालिबान के वापस आने के बाद कहीं फिर से न खो जाए।
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां से बाहर निकलने को बेचैन हैं सिख
अफगानिस्तान पर तालिबान का नियंत्रण होने के बाद वहां रह रहे हिंदू और सिख परिवारों को अपनी जान का डर सता रहा है और वे वहां से निकलना चाहते हैं। काबुल में रहने वाले एक सिख उद्यमी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि हालांकि कुछ तालिबान नेताओं ने सिखों और हिन्दुओं की सुरक्षा का आश्वासन दिया है। रविवार को काबुल पर तालिबान का कब्जा होने से कुछ ही देर पहले राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर भागने के कारण अफगानिस्तान का भविष्य अधर में लटकता हुआ दिख रहा है। अफगान उद्यमी गुरदीप सिंह (बदला हुआ नाम) ने कहा कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान का पूर्ण नियंत्रण हो गया है। उन्होंने कहा कि पिछले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए अफगान सिख भारत के बजाय अमेरिका या कनाडा में शरण लेना पसंद करेंगे।