Edited By Anil dev,Updated: 22 Jun, 2022 12:23 PM
कुछ लोग उम्र और जोखिम दोनों पर फतह करने का हुनर बखूबी जानते है। मौत को न सिर्फ चकमा देने में माहिर होते हैं बल्कि अपने बुलंद हौसलों से खुद को ऐसा मजबूत बना लेते हैं कि मौत भी खौफ खाने लगे। एक सुपरफिट दादी 2 बार कैंसर को मात देकर एथलीट बन गई और...
इंटरनेशनल डेस्क: कुछ लोग उम्र और जोखिम दोनों पर फतह करने का हुनर बखूबी जानते है। मौत को न सिर्फ चकमा देने में माहिर होते हैं बल्कि अपने बुलंद हौसलों से खुद को ऐसा मजबूत बना लेते हैं कि मौत भी खौफ खाने लगे। एक सुपरफिट दादी 2 बार कैंसर को मात देकर एथलीट बन गई और रिकॉर्डों की भरमार कर दी।
75 पार सुपरफिट ग्रेनी पैट रीव्स को 36 साल की उम्र में पहली बार ब्रेन ट्यूमर का पता चला था, लेकिन मायूस होकर, हिम्मत हारकर बैठने की बजाय उन्होंने वेट लिङ्क्षफ्टग शुरू कर दी। जिम में पसीना बहाया और मौत को मात दी लेकिन उन्हें दोबारा फिर कैंसर का सामना करना पड़ा। 1982 के बाद से अब तक 2 बार कैंसर जैसी घातक बीमारी का शिकार हुई लेकिन खुद को मजबूत बनाए रखने के लिए पावर लिङ्क्षफ्टग और मैराथन में इतनी एक्टिव हो गई कि आज 200 से अधिक रिकॉर्ड तोड़ चुकी हैं।
10 सालों तक नैशनल और इंटरनैशनल वैश्विक स्पर्धाओं में भाग लेते हुए अपने सुनहरे दिनों में 42 कि.ग्रा. वर्ग में 135 कि.ग्रा. की वेट लिफ्टिंग की। किस्मत एक बार फिर उन्हें आजमाना चाहती थी लिहाजा 48 साल की उम्र में एक बार फिर टर्मिनल कैंसर का सामना करना पड़ा। इस बार 1993 में उन्हें ओस्टियोसारकोमा हो गया जो एक प्रकार का हड्डी का कैंसर था। पैट ने 2022 में 60 कि.ग्रा. वजन उठाकर सबको चौंका दिया, जो उनकी उम्र और वजन वर्ग के लिए एक नया रिकॉर्ड था। 2005 में ब्रिटिश ड्रग फ्री पावर लिङ्क्षफ्टग एसोसिएशन में शामिल होने के बाद पैट ने लगभग 200 रिकॉर्ड तोड़े हैं और 135 कि.ग्रा. तक वजन उठा सकती हैं।