दुनिया में पहली बार मिला 1306 पैर वाला जीव, जमीन के अंदर 200 फीट में रहता है डेरा, देखें हैरान करने वाली तस्वीर

Edited By Anil dev,Updated: 17 Dec, 2021 03:26 PM

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मिलिपेड्स या सहस्रपाद, भूमि पर पहले जानवर थे, और आज हम इनकी 13,000 से अधिक प्रजातियों के बारे में जानते हैं। बहुत से पैरों वाले इन सहस्रपाद की अभी ऐसी और हजारों प्रजातियां होंगी, जिन्हें खोजे जाने और उनके औपचारिक वैज्ञानिक विवरण का इंतजार है।

इंटरनेशनल डेस्क: मिलिपेड्स या सहस्रपाद, भूमि पर पहले जानवर थे, और आज हम इनकी 13,000 से अधिक प्रजातियों के बारे में जानते हैं। बहुत से पैरों वाले इन सहस्रपाद की अभी ऐसी और हजारों प्रजातियां होंगी, जिन्हें खोजे जाने और उनके औपचारिक वैज्ञानिक विवरण का इंतजार है। ‘‘मिलीपेड'' का मतलब लैटिन में ‘‘हजार पैर'' होता है और इन जीवों के ढेरों पैर होने के कारण इन्हें यह नाम दिया गया है, लेकिन अब तक किसी भी ज्ञात प्रजाति में 750 से अधिक पैर नहीं थे। हालाँकि, मेरे सहयोगियों और मुझे हाल ही में एक नया चैंपियन मिला है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी तट के पास जमीन के 60 मीटर नीचे बिना आंख वाला, यूमिलीप्स पर्सेफोन मिला है, जिसके 1,306 पैर हैं, जिससे यह हजार पैर के अपने नाम के अनुरूप पहला ‘‘सच्चा मिलीपेड'' और पृथ्वी पर सबसे ज्यादा पैर वाला जीव बन गया है। 

जमीन के नीचे जीवन ढूंढना
ऑस्ट्रेलिया में, अकशेरुकी जीवों के कुछ समूहों में अधिकांश प्रजातियों से हम अभी भी अपरिचित हैं। इससे पहले कि हम उनके बारे में जानते, उनमें से कई विलुप्त भी हो सकते थे। इसका एक कारण यह है कि जीवन हर जगह है, यहां तक कि जहाँ हम इसकी उम्मीद भी कम से कम करते हैं। हालांकि पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के दूरदराज के क्षेत्रों जैसे कि पिलबारा और गोल्डफील्ड्स, जहां भूमि शुष्क और कठोर है, के बारे में समझा जाता है कि वहां बहुत अधिक प्रजातियां नहीं हैं। लेकिन हकीकत बहुत अलग है। बहुत कम ज्ञात जानवरों की एक विशाल विविधता भूमिगत रहती है, सतह से कई मीटर नीचे चट्टान में गुहाओं और दरारों में रहती है। इन जीवों के बारे में पता लगाने का एक तरीका यह है कि सतह के नीचे ‘‘ट्रोग्लोफ्यूना जाल'' लगाया जाए। ई. पर्सेफोन इन जालों में से एक में पाया गया था, जिसने गोल्डफील्ड्स में खनन अन्वेषण बोर में दो महीने 60 मीटर के नीचे बिताए। ये जीव किसी भी हाल में आपके सतह पर नहीं दिखाई देंगे। क्योंकि ये सतह से 200 फीट नीचे रहते हैं।

एक भाग्यशाली खोज
उस समय मैं बेनेलॉन्गिया एनवायर्नमेंटल कंसल्टेंट्स नामक एक कंपनी के लिए काम कर रहा था, जिसे खनन कंपनी ने क्षेत्र में जानवरों का सर्वेक्षण करने के लिए काम पर रखा था। मैं भाग्यशाली था कि उस दिन प्रयोगशाला में था जिस दिन पृथ्वी पर सबसे अधिक पैर वाला जानवर पहली बार देखा गया था। हमारी वरिष्ठ टैक्सोनोमिस्ट, जेन मैकरे ने मुझे ये अविश्वसनीय मिलीपेड दिखाए, एक मिलीमीटर से भी कम चौड़े और लगभग 10 सेंटीमीटर लंबे। उसने बताया कि उनके त्रिकोणीय चेहरे उन्हें सिफोनोटिडे परिवार से जोड़ते हैं, जिसमें पोलीजोनिडा क्रम के चूसने वाले मिलिपेड होते हैं। उनके लंबे, पतले और पीले शरीर, सैकड़ों पैरों के साथ, मुझे एक पेपर की याद दिला दी जो मैंने वर्षों पहले पढ़ा था, जिसमें दुनिया में सबसे लंबे मिलिपेड, कैलिफ़ोर्नियाई इलैकमे प्लेनिप्स, 750 पैर वाले, के बारे में बताया गया था। 2007 में, ब्राजील में कैंपिनास स्टेट यूनिवर्सिटी में प्राणीशास्त्र पढ़ाते समय, मैंने उस पेपर का उपयोग छात्रों को यह समझाने के लिए किया था कि दुनिया में किसी भी मिलीपेड प्रजाति के वास्तव में 1,000 पैर नहीं होते हैं। अक्सर, लोकप्रिय नाम वैज्ञानिक रूप से गलत होते हैं, लेकिन मेरे सामने एक जानवर था जो अंततः मिलीपेड नाम को जैविक रूप से सही बनाने का मौका देता था। 

आखिर में एक सच्चा मिलीपेड
मैंने जेन को सुझाव दिया कि हमारी खोज के ये नए नमूने मिलिपेड आई. प्लेनिप्स के साथ अधिक संगत हो सकते हैं, जो कि मिलीपेड के एक अन्य क्रम, सिफोनोफोरिडा से संबंधित है। हमने डब्ल्यूए संग्रहालय से मार्क हार्वे से परामर्श किया, और साथ में यह जानकर आश्चर्यचकित हुए कि ऑस्ट्रेलिया में सिफोनोफोरिडा बहुत दुर्लभ हैं: केवल तीन ज्ञात प्रजातियां हैं, सभी पूर्वी तट पर पाए जाते हैं। इसके बाद, मैंने अमेरिका में वर्जीनिया टेक में पॉल मारेक से संपर्क किया, जो एक मिलीपेड विशेषज्ञ और 750-पैर वाले आई. प्लेनिप्स के बारे में उस पेपर के प्रमुख लेखक थे। यह नई प्रजाति 1,306 पैरों तक निकली, जिससे यह पहली सच्ची मिलीपेड बन गई। पॉल ने उसका नाम सौ पैर होने के संदर्भ में, और ग्रीक पौराणिक कथाओं में वर्णित देवी पर्सेफोन के संदर्भ में, यूमिलीप्स पर्सेफोन रखा।

इतने पैर क्यों?
ई. पर्सेफोन के भूमिगत जीवन की ओर प्रेरित होने की सबसे अधिक संभावना थी क्योंकि ऊपर का परिदृश्य लाखों वर्षों में गर्म और शुष्क हो गया था। हमें अंततः पता चला कि जेन ई. पर्सेफ़ोन की प्रकृति के बारे में सही थी : यह वास्तव में सिफ़ोनोटिडे परिवार का एक सदस्य है, जो केवल आई. प्लेनिप्स से दूर से संबंधित है, और इसलिए पूरे क्रम में पॉलीज़ोनिडा की एकमात्र प्रजाति है जिसमें कोई आँखें नहीं हैं। हम 180 से अधिक बॉडी सेगमेंट वाले किसी भी मिलीपेड को महा लंबाई के रूप में वर्गीकृत करते हैं। ई. पर्सेफोन में 330 है। आनुवंशिक विश्लेषण के साथ, हमने पाया कि मिलीपेड में यह महा लंबाई बार बार विकसित हुई है, और यह उसके भूमिगत रहने के लिए एक अनुकूलन हो सकता है। पैरों की बड़ी संख्या संभवतः मिट्टी में छोटे अंतराल और दरारों के माध्यम से अपने शरीर को धक्का देने के लिए बढ़ाया कर्षण और शक्ति प्रदान करती है। लेकिन इस स्तर पर यह सिर्फ एक परिकल्पना है, और हमारे पास इस बात का कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है कि अधिक पैर होना भूमिगत जीवन के लिए एक अनुकूलन है।

अज्ञात का पता लगाना
मिलिपेड के जीवन वृक्ष की एक अनूठी शाखा का प्रतिनिधित्व करने वाली इस अविश्वसनीय प्रजाति को खोजना, शुष्क परिदृश्य में भूमिगत जैव विविधता के संरक्षण की दिशा में एक छोटा पहला कदम है। यह नई प्रजातियों के दस्तावेजीकरण, उनकी भेद्यता का आकलन करने और अंततः संरक्षण प्राथमिकताओं और प्रबंधन योजनाओं को तैयार करने के साथ शुरू होता है। शुष्क ऑस्ट्रेलिया की प्रजातियों का एक बड़ा हिस्सा अवर्णित है। भूमिगत जीवों के लिए, यह 90% से अधिक हो सकता है। इन जानवरों के अस्तित्व को नहीं जानने से उनके संरक्षण की स्थिति का आकलन करना असंभव हो जाता है। जैव विविधता सर्वेक्षण, और विशेष रूप से उनका समर्थन करने वाला वर्गीकरण, अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण हैं। जेन, पॉल और मार्क जैसे टैक्सोनोमिस्ट इस संरक्षण के गुमनाम नायक हैं। 

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