Edited By Anil dev,Updated: 30 Sep, 2022 03:44 PM
कनाडा के ब्रैम्पटन में आयोजित तथाकथित खालिस्तान जनमत संग्रह के संबंध में कनाडा सरकार सरकार द्वारा भारत की शिकायतों से निपटने के तरीके पर असंतोष व्यक्त करने की एडवाइजरी के बाद कनाडा ने अपने नागरिकों को बारूदी सुरंगों का हवाला देते हुए पंजाब और...
इंटरनेशनल डेस्क: कनाडा के ब्रैम्पटन में आयोजित तथाकथित खालिस्तान जनमत संग्रह के संबंध में कनाडा सरकार सरकार द्वारा भारत की शिकायतों से निपटने के तरीके पर असंतोष व्यक्त करने की एडवाइजरी के बाद कनाडा ने अपने नागरिकों को बारूदी सुरंगों का हवाला देते हुए पंजाब और राजस्थान राज्यों के सभी क्षेत्रों की यात्रा से बचने की सलाह दी है, जो पाकिस्तान के साथ सीमा साझा करते हैं। इसके बाद ये माना जा रहा है कि कनाडा को ये एडवाइजरी नागवार गुजरी है और उसके जवाब में ही उसने ये आदेश जारी किये हैं।
कनाडा की सरकार की ताजा ट्रैवल एडवाइजरी में कहा गया है, कि अप्रत्याशित सुरक्षा स्थिति और बारूदी सुरंगों और गैर-विस्फोटक आयुधों की उपस्थिति के चलते गुजरात, पंजाब और राजस्थान राज्यों में पाकिस्तान के साथ लगी सीमा के 10 किमी के भीतर के क्षेत्रों में सभी नागरिक यात्रा करने से बचें। कनाडा की तरफ से जारी एडवाइजरी 27 सितंबर की देर रात जारी की गई है। जिसमें भारत के कई हिस्सों में आतंकी हमले का खतरा जताया गया है। एडवाइजरी में इंडियन टेरिटरी लद्दाख या उसके आस-पास यात्रा करना शामिल नहीं है। चेतावनी में कनाडा मूल के लोगों को आतंकवाद और उग्रवाद के जोखिम के कारण असम और मणिपुर की गैर-जरूरी यात्रा से बचने की अपील भी की गई है।
दरअसल 25 सितंबर को ही भारत सरकार ने एडवाइजरी जारी करके कनाडा में रह रहे अपने नागरिकों और छात्रों को सलाह दी थी कि वे हेट क्राइम और भारत विरोधी गतिविधियों को देखते हुए सावधान रहा करें। 2016 के बाद से कनाडा में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों में भारतीय छात्रों की संख्या में 220 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2021 में भारतीयों को 1.25 लाख छात्र वीजा मिले थे, दूसरी ओर, बड़ी संख्या में कनाडा के लोग भारत की यात्रा पर पंजाब और गुजरात जाते हैं। उनमें से ज्यादातर भारतीय मूल के लोग हैं और इन राज्यों की वास्तविक स्थिति से वाकिफ हैं।
भारत द्वारा एडवाइजरी जारी करने से एक दिन पहले, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि हमें यह बेहद आपत्तिजनक लगता है कि एक मित्र देश में चरमपंथियों द्वारा राजनीति से प्रेरित अभ्यासों को होने दिया जाता है। आप सभी इस संबंध में हिंसा के इतिहास से अवगत हैं और भारत सरकार इस मामले पर कनाडा सरकार पर दबाव बनाना जारी रखेगी।