Edited By Anil dev,Updated: 20 Mar, 2021 04:19 PM
कोरोना वायरस महामारी के लिए सबसे पहले टीका विकसित करने वाली वैज्ञानिक ओजलेम तुरेसी ने कहा है कि यह टीका पूरी तरह सुरक्षित है और अब इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल एक और बड़ी वैश्विक बीमारी कैंसर के इलाज के लिए किया जाएगां तुरेसी ने जर्मनी की कंपनी...
इंटरनेशनल डेस्क: कोरोना वायरस महामारी के लिए सबसे पहले टीका विकसित करने वाली वैज्ञानिक ओजलेम तुरेसी ने कहा है कि यह टीका पूरी तरह सुरक्षित है और अब इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल एक और बड़ी वैश्विक बीमारी कैंसर के इलाज के लिए किया जाएगां तुरेसी ने जर्मनी की कंपनी बायोनटेक की स्थापना अपने पति उगुर साहिन के साथ मिलकर की है। फिलहाल यह कंपनी ट्यूमर के इलाज के लिए शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को इस्तेमाल करने पर काम कर रही है। पिछले साल इस दंपति को चीन में लोगों को संक्रमित करने वाले वायरस के बारे में पता चला था।
उसके बाद इस दंपति ने इस नयी महामारी के इलाज के लिए उस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने का प्रयास किया, जिसपर वे दो दशक से शोध कर रहे थे। ब्रिटेन ने दिसंबर में बायोनटेक एमआरएनए वैक्सीन के इस्तेमाल की अनुमति दी थी। एक सप्ताह बाद अमेरिका ने इसकी अनुमति दी। इसके बाद दर्जनों और कर्मचारियों ने इस वैक्सीन के इस्तेमाल की अनुमति दी और दुनियाभर में लाखों लोग अमेरिका की फार्मा कंपनी फाइजर के साथ संयुक्त रूप से विकसित टीका लगवा चुके हैं। तुरेसी ने एक साक्षात्कार में कहा, यदि आपके पास असाधारण टीम है, तो साहसी फैसले लेने के नतीजे अच्छे मिलते हैं। इससे आप अपने समक्ष आने वाली समस्याओं और अड़चनों से तत्काल निपट सकते हैं।