Edited By Anil dev,Updated: 17 Mar, 2021 05:32 PM
म्यांमा में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ हो रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर सेना की घातक कार्रवाई के बावजूद प्रदर्शनकारी डटे रहे। स्वतंत्र संगठन असिस्टेंट एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स द्वारा एकत्र आंकड़ों के अनुसार, आंग सान सू ची की निर्वाचित असैन्य...
इंटरनेशनल डेस्क: म्यांमा में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ हो रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर सेना की घातक कार्रवाई के बावजूद प्रदर्शनकारी डटे रहे। स्वतंत्र संगठन असिस्टेंट एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स द्वारा एकत्र आंकड़ों के अनुसार, आंग सान सू ची की निर्वाचित असैन्य सरकार को अपदस्थ करने के लिए एक फरवरी को किए गए सैन्य तख्तापलट के बाद से सेना की कार्रवाई में मारे गए प्रदर्शनकारियेां की पुष्ट संख्या अब 200 से अधिक हो गई है। संगठन ने आरोप लगाया कि जुंटा बल केवल प्रदर्शनकारियों ही नहीं, बल्कि आमजन को भी निशाना बना रहे हैं।
उसने कहा, कुछ घायलों को गिरफ्तार किया गया और चिकित्सकीय सुविधा के अभाव में उनकी मौत हो गई, कुछ लोगों की पूछताछ के दौरान उत्पीडऩ के कारण मौत हो गई, कुछ अन्य की मौत कार्रवाई के दौरान गोली लगने से हो गई, उनके शवों को खींचकर दूर ले जाया गया और जुंटा बलों ने उनके परिजन को शव नहीं सौंपे हैं। संगठन ने कहा कि मंगलवार तक 202 लोगों की मौत हो गई, 2,181 लोगों को गिरफ्तार किया गया या उन पर आरोप लगाए गए।
स्थानीय मीडिया संगठनों एवं सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार मध्य म्यांमा के ताउंगू, थायेत, मायिंगयान और मादाया, भारत के साथ लगती सीमा के पास स्थित तामू और यांगून के उत्तर-पश्चिम में इरावदी नदी के किनारे स्थित प्याय शहर में बुधवार को शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की भीड़ पर मंगलवार को भी घातक कार्रवाई की थी।