इन हथियारों के दम पर यूक्रेन ने मचाई तबाही, रूसी सेना को दिया इतना बड़ा जख्म

Edited By Anil dev,Updated: 06 Apr, 2022 12:29 PM

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यूक्रेन ने रूसी सेना का जिस तरह से डटकर मुकाबला किया है, उसने दुनिया को चौंका दिया है। 2 कारगर हथियारों से यूक्रेन ने वह कर दिखाया, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। रूसी सेना तेजी से आगे बढ़ते-बढ़ते अचानक ठिठक कर रह गई। आइए जानते हैं इन हथियारों के...

इंटरनेशनल डेस्क:  यूक्रेन ने रूसी सेना का जिस तरह से डटकर मुकाबला किया है, उसने दुनिया को चौंका दिया है। 2 कारगर हथियारों से यूक्रेन ने वह कर दिखाया, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। रूसी सेना तेजी से आगे बढ़ते-बढ़ते अचानक ठिठक कर रह गई। आइए जानते हैं इन हथियारों के बारे में...।

एन.एल.ए.डब्ल्यू: जिन्होंने यूक्रेन को रूसी टैंकों का कब्रिस्तान बना दिया

रूस द्वारा थोपी गई जंग से निपटने के लिए ब्रिटेन ने यूक्रेन को नैक्स्ट जैनरेशन लाइट एंटी-टैंक वैपन (एन.एल.ए.डब्ल्यू.) दिए। पहली खेप में 2000 और दूसरी में 1615 एन.एल.ए.डब्ल्यू. दिए गए। दूसरी खेप यूक्रेन को 9 मार्च को ही मिली थी। इन हथियारों ने रूसी टैंकों को आगे बढऩे से रोक दिया। यूक्रेन सेना ब्रिटेन से ऐसे और हथियार मांग रही है। इसके बाद ऐसे 100 और हथियार लक्जमबर्ग ने दिए। ब्रिटेन ने यूक्रेन को ऐसे 6000 और हथियार देने की बात कही थी।

4200 एन.एल.ए.डब्ल्यू. दिए ब्रिटेन ने
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन अब तक यूक्रेन को 4200 से ज्यादा एन.एल.ए.डब्ल्यू. दे चुका है। शुरूआत में ये हथियार काफी कारगर भी रहा मगर पेंटागन नेतृत्व का कहना है कि रूस के नए टी-90 टैंक जेविलन और एन.एल.ए.डब्ल्यू. का पता लगाकर उन्हें नष्ट करने में सक्षम हैं। रूसी सैनिकों को अब अपने टैंकों पर स्टील के पिंजरे वैल्ड करते हुए भी देखा जा रहा है।

स्वीडिश कंपनी की खोज
एन.एल.ए.डब्ल्यू. असल में स्वीडिश कंपनी ‘साब’ की खोज है। उसने इन्हें बनाकर नाटो देशों को बेचा है, जिनमें ब्रिटेन भी शामिल है। हालांकि ब्रिटेन के पास टैंक रोधी जेवलिन सिस्टम है, मगर उसने 10 साल पहले इसे ‘साब’ से खरीदना शुरू कर दिया था। यही वजह है कि अब वह यूक्रेन को बड़े पैमाने पर इन्हें भेज पा रहा है।

जेवलिन मिसाइल व एन.एल.ए.डब्ल्यू. में अंतर
जेवलिन 2 हिस्सों में बनी है। इसमें 15 पौंड का लांचर है, जिसे फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है। दूसरा हिस्सा 33 पौंड की डिस्पोजेबल ट्यूब है, जो कि मिसाइल है। इसमें थर्मल कैमरे लगे हैं, जिन्हें जूम कर टार्गेट का पता लगाया जा सकता है। दूसरी ओर एन.एल.ए.डब्ल्यू. में कोई कैमरा नहीं होता। टार्गेट को देखो और दागो के सिद्धांत पर इसे चलाया जाता है। इससे 20 से 800 मीटर तक का टार्गेट हिट किया जाता है जबकि जेवलिन से अढ़ाई मील तक किसी भी टैंक को नष्ट किया जा सकता है। इस तरह से नजदीकी लड़ाई में एन.एल.ए.डब्ल्यू. एक कारगर हथियार है। 

 इस्तेमाल का तरीका
 एक वीडियो से पता चलता है कि यूक्रेनी सैनिक हमले से पहले इलाके की गश्त करते हैं। एक सुरक्षित दूरी से घात लगाकर अपनी पीठ पर लदे ब्रिटेन के उपहार (एन.एल.ए.डब्ल्यू.) से हमला करते हैं। उन्हें हमला करने में सिर्फ 15 सैकेंड का समय लगता है और कई बार तो उससे भी कम समय में वे यह कर दिखाते हैं।

एक सस्ता सा ड्रोन, जिसने हमलावर के दांत खट्टे कर दिए
इन 2 हथियारों में से एक तुर्की से मिला सस्ता सा ड्रोन भी है। असल में यह ड्रोन मिसाइल लेकर चलने में सक्षम एक उडऩे वाला रोबोट है। इसने रूस के बहुत से टैंकों और आम्र्ड वाहनों को तबाह किया है। इसने रूसी सेना के लिए ईंधन लेकर आ रहीं 2 मालगाडिय़ों को भी तबाह किया। इस ड्रोन का नाम है बायराक्तार टीबी-2। यूक्रेन की सेना ने 2019 में तुर्की से 12 बायराक्तार टीबी2 ड्रोन खरीदे थे। इसके अलावा यूक्रेन की नौसेना ने भी पिछले साल 6 ऐसे ड्रोन खरीदे।

यूक्रेन का पहला हमला 
बायराक्तार टीबी-2 ड्रोन से यूक्रेन ने रूसी सेना पर पहला हमला दोनेत्स्क के ह्रानित्ने से किया था और रूस की डी-30 होवित्जर तोपों की कतार को नष्ट कर दिया था। उसके बाद खेर्सन और झाइटोमीर इलाके में रूसी काफिले को निशाना बनाया गया और कई टैंक तथा राकेट लांचर तबाह कर दिए गए। 

विशेषताएं 
टीबी-2 ड्रोन 4 लेजर गाइडेड मिसाइलों से लैस होता है। इसे रेडियो सिग्नल से नियंत्रित किया जाता है और यह 200 मील के दायरे में हमला करने में सक्षम है। 

नैक्स्ट जैनरेशन लाइट एंटी-टैंक वैपन की विशेषताएं 
कारगर : यूक्रेन युद्ध में करीब 30 से 40 फीसद रूसी टैंकों को एन.एल.ए.डब्ल्यू. से ही तबाह किया गया है।  
सफल : ये किसी भी टैंक को तबाह कर सकते हैं इसलिए इन्हें अल्टीमेट टैंक किलर कहा जाता है।
हल्के :  इनका वजन सिर्फ 12.5 किलोग्राम है। कोई भी सैनिक इन्हें अपने कंधे पर दिन और रात में कहीं भी ले जाकर चला सकता है। 
सुगम : 5 सैकेंड के अंदर इसे तैयार कर इससे फायर किया जा सकता है।
सुरक्षित : एन.एल.ए.डब्ल्यू. को ऊंची इमारत, किसी पेड़ के पीछे से या खंदक से चलाया जा सकता है।
रेंज : इन हथियारों से 20 मीटर से 800 मीटर की दूरी पर खड़े किसी भी टैंक को निशाना बनाया जा सकता है।
कीमत : 20 हजार डॉलर (15,05,820 रुपए)

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