Edited By Anil dev,Updated: 09 Nov, 2020 12:13 PM
यूरोपीय देश स्पेन, फ्रांस और ब्रिटेन में कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर कुछ हिस्सों में लॉकडाउन की तरह के प्रतिबंध लगाए है। इन देशों में दूसरे दौर में कोरोना और खतरानाक रूप में सामने आया है। इस कारण यूरोप के एक सबसे अहम देश...
इंटरनेशनल डेस्क: यूरोपीय देश स्पेन, फ्रांस और ब्रिटेन में कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर कुछ हिस्सों में लॉकडाउन की तरह के प्रतिबंध लगाए है। इन देशों में दूसरे दौर में कोरोना और खतरानाक रूप में सामने आया है। इस कारण यूरोप के एक सबसे अहम देश फ्रांस ने तो बकायदा राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। वहीं कोरोना के चलते एक्सपर्ट ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर को लेकर सवाल यह नहीं है कि ये आएगी या नहीं. बल्कि, सवाल यह है कि ये कब आएगी और कितनी भयावह होगी।
ब्रिटिश कोरोना एक्सपर्ट का कहना है कि लॉकडाउन से कोरोना खत्म नहीं होता बल्कि समस्या थोड़ी आगे बढ़ जाती है। प्रोफेसर मार्क वूलहाउस का कहना है कि नजदीकी आपदा को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाने चाहिए ताकि फिलहाल संक्रमण कम हो जाए लेकिन इससे वायरस भागता नहीं है। बीबीसी वन के एक शो में भाग लेते हुए प्रोफेसर मार्क वूलहाउस ने ब्रिटेन के संदर्भ में कहा कि पिछले आकलन में भी सितंबर में दोबारा लॉकडाउन की जरूरत बताई गई थी। जब प्रोफेसर मार्क वूलहाउस से पूछा गया कि क्या कोरोना की तीसरी लहर भी आएगी, उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल संभव है।
उन्होंने कहा कि अगर लगता है कि अगले 6 या 12 महीने में वैक्सीन नहीं आ रही है तो हमें वैकल्पिक रास्ते तलाशने की जरूरत होगी जैसे कि बड़ी आबादी के लिए टेस्टिंग की व्यवस्था वगैरह। एक्सपर्ट ने चेतावनी दी है कि कोरोना को दूसरी नहीं तीसरी लहर भी आएगी। जिन देशों में मामले घट रहे हैं, वे सिर्फ देखते ही ना रहें, यहां केसों में अचानक वृद्धि हो सकती है। इसलिए सरकारें महामारी को रोकने के लिए तैयार रहें।
वायरस के बारे में जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अमेरिका में कोरोना महामारी और गंभीर रूप ले सकती है। क्योंकि ठंड का मौसम आने वाला है और वायरस काबू से बाहर है, ऐसे में बड़ी संख्या में तमाम लोगों के संक्रमित होने की आशंका खारिज नहीं की जा सकती है। देश वायरस के लिए मुफीद यानी कि बहुत खतरनाक मौसम में प्रवेश करने वाला है। अगर सही ढंग से ध्यान नहीं दिया गया तो स्थिति बेहद गंभीर हो सकती है। एक्सपर्ट के मुताबिक यह समूचे यूरोप के लिए बहुत चिंता की बात है। उनका कहना है कि नजदीकी आपदा को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाने चाहिए ताकि फिलहाल संक्रमण कम हो जाए, लेकिन इससे वायरस भागता नहीं है।