Edited By Pardeep,Updated: 11 May, 2018 12:00 AM
ईरान के साथ किए गए परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने के बाद अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ( आईएईए ) ने वीरवार को कहा कि ईरान 2015 में हुए समझौते के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन कर रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कल व्हाइट हाउस में घोषणा की...
संयुक्त राष्ट्र: ईरान के साथ किए गए परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने के बाद अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ( आईएईए ) ने वीरवार को कहा कि ईरान 2015 में हुए समझौते के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन कर रहा है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कल व्हाइट हाउस में घोषणा की थी कि अमेरिका समझौते से हट जाएगा और उसने एकपक्षीय तरीके से ‘‘ सर्वोच्च स्तर ’’ पर दोबारा ईरान के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी एजेंसी के प्रमुख युकिया अमानो ने समझौते को लेकर कहा , ‘‘ ईरान जेसीपीओए के तहत दुनिया के सबसे कड़े परमाणु सत्यापन तंत्र के अधीन आता है। इस समय आईएईए इस बात की पुष्टि कर सकती है कि ईरान परमाणु संबंधी प्रतिबद्धताओं का पालन कर रहा है। ’’
2015 में हुए समझौते को संयुक्त व्यापक कार्य योजना ( जेसीपीओए ) कहा जाता है जो ईरान और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों तथा जर्मनी एवं यूरोपीय संघ के बीच हुआ था। ट्रंप ने कहा था , ‘‘ मेरे लिए यह बात साफ है कि हम ईरान को परमाणु बम का विकास करने से नहीं रोक सकते। ईरान समझौता पूरी तरह से बेकार है। इसलिए मैं आज घोषणा कर रहा हूं कि अमेरिका ईरान परमाणु समझौते से हट जाएगा।’’
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने ट्रंप की घोषणा के थोड़ी देर बाद कहा था कि वह इस फैसले से ‘‘ बेहद चिंतित ’’ हैं और बाकी पक्षों से समझौते को बचाने की अपील की थी। आईएईए ने बार बार कहा है कि ईरान में काम कर रहे उसके निरीक्षकों के मुताबिक समझौते का कोई उल्लंघन नहीं हुआ और 2009 के बाद से किसी भी ‘‘ परमाणु विस्फोटक उपकरण ’’ के संबंध में किसी भी तरह की गतिविधि के सबूत नहीं हैं।