Edited By Tanuja,Updated: 14 May, 2018 03:27 PM
कैथोलिक बहुल देश में गर्भपात रोधी कानून को बनाए रखने के समर्थक और विरोधी कार्यकर्ता सोशल साइट और प्रदर्शनों के जरिए लोगों को अपने पक्ष में करने के प्रयास कर रहे हैं। इसी के चलते आयरलैंड में गर्भपात के मुद्दे पर बहस तेज हो गई है...
डबलिनः कैथोलिक बहुल देश में गर्भपात रोधी कानून को बनाए रखने के समर्थक और विरोधी कार्यकर्ता सोशल साइट और प्रदर्शनों के जरिए लोगों को अपने पक्ष में करने के प्रयास कर रहे हैं। इसी के चलते आयरलैंड में गर्भपात के मुद्दे पर बहस तेज हो गई है और 25 मई को इस पर जनमत संग्रह होगा। वर्ष 1983 में हुए जनमत संग्रह में 67 फीसद लोगों ने गर्भपात पर रोक लगाने के लिए संविधान में आठवें संशोधन का समर्थन किया था।
इसके जरिए दुष्कर्म के दौरान गर्भ ठहरने या गर्भ में बच्चे को कोई विकृति होने पर भी गर्भपात पर रोक लगा दी गई थी। इस कानून में अवैध तरीके से गर्भपात कराने वाले या गर्भपात में मदद करने वाले को 14 साल तक की सजा का प्रावधान है। लेकिन वर्ष 2012 में भारतीय महिला सविता हलप्पनवार की समय पर गर्भपात नहीं कराने से हुई मौत ने कानून में बदलाव की बहस को तेज कर दिया। 2013 में कानून में बदलाव किया गया और चिकित्सकीय या अन्य कारणों से गर्भवती की जिंदगी खतरे में होने पर गर्भपात की इजाजत दी गई।