Edited By Tanuja,Updated: 10 Mar, 2020 04:57 PM
इस्लामिक स्टेट (आईएस) जिहादी समूह ने अफगानिस्तान में राष्ट्रपति के महल के पास सोमवार को हुए हमले की जिम्मेदारी ली है। इस्लामिक स्टेट ने अपने सोशल मीडिया मीडिया के ...
काबुलः इस्लामिक स्टेट (आईएस) जिहादी समूह ने अफगानिस्तान में राष्ट्रपति के महल के पास सोमवार को हुए हमले की जिम्मेदारी ली है। इस्लामिक स्टेट ने अपने सोशल मीडिया मीडिया के माध्यम से एक वक्तव्य जारी कर आईएस ने कहा कि “अत्याचारी” अशरफ गनी के शपथ ग्रहण के दौरान खिलाफत के सिपाहियों ने काबुल में राष्ट्रपति के महल के पास दस रॉकेट दागे। इससे पहले, अफगानिस्तान में प्रतिंद्वद्वी नेताओं अशरफ गनी और अब्दुल्ला अब्दुल्ला के 9 मार्च को समांतर समारोहों में राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने से राजनीतिक संकट गहरा गया और इस दौरान राजधानी में कम से कम दो विस्फोट भी हुए।
इससे तालिबान के साथ वार्ता की अमेरिका की योजना पर संकट गहरा गया है जिसे तालिबान के साथ उसकी शांति वार्ता को आगे बढ़ाने के बारे में सोचना है। अमेरिका-तालिबान के बीच कुछ दिन पहले हुए समझौते को अफगानिस्तान में संघर्ष समाप्त करने के अमेरिका के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा था। राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने अपने मतभेदों को नहीं सुलझाया। गनी को पिछले साल सितंबर में हुए चुनाव में विजयी घोषित किया गया था। अब्दुल्ला ने मतदान में धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे। एक ही समय पर दो अलग-अलग समारोह आयोजित किए गए। एक समारोह राष्ट्रपति भवन में गनी के लिए आयोजित किया गया, वहीं पास में ही स्थिति सापेदार पैलेस में अब्दुल्ला ने शपथ ली।
दोनों के समर्थक भी बड़ी संख्या में अपने अपने चहेते नेता के शपथ ग्रहण के लिए जुटे। सत्ता को लेकर इस गतिरोध की स्थिति से अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अफगानिस्तान के नागरिकों में असमंजस की स्थिति है। अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि यह झगड़ा अमेरिका के समझौते पर खतरा पैदा कर सकता है। अफगानिस्तान के चुनाव आयोग ने सितंबर में हुए मतदान में राष्ट्रपति अशरफ गनी को विजयी घोषित किया था। गठबंधन सरकार में उनके पूर्व साझेदार अब्दुल्ला और चुनाव शिकायत आयोग ने भी कहा कि परिणामों में अनियमितताएं हैं। नतीजतन दोनों ने खुद को विजयी घोषित कर दिया।