Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Mar, 2018 11:26 AM
ब्राजील के टापू इलाहा दा क्यूइमादा को अब सांपों के टापू के नाम से जाना जाता है क्योंकि इस पर दुनिया के सबसे ज्यादा सांप रहते हैं। इतने कि इंसान का वहां रहना तो दूर, जाना तक मना है। यह चेतावनी ब्राजील सरकार की तरफ से है। ये सांप इतने जहरीले हैं कि...
इंटरनेशनल डेस्कः ब्राजील के टापू इलाहा दा क्यूइमादा को अब सांपों के टापू के नाम से जाना जाता है क्योंकि इस पर दुनिया के सबसे ज्यादा सांप रहते हैं। इतने कि इंसान का वहां रहना तो दूर, जाना तक मना है। यह चेतावनी ब्राजील सरकार की तरफ से है। ये सांप इतने जहरीले हैं कि इंसान की डंसते ही मौत हो जाती है और शरीर काला पड़ जाता है। सूत्रों की मानें तो इस टापू पर यह स्थिति हाल के वर्षों में ही बनी है। पहले यहां सांप पाए जरूर जाते थे पर उनकी संख्या इतनी ज्यादा नहीं थी। इस टापू पर एक लाइट हाऊस भी था और उसकी देखभाल के लिए नियुक्त एक कर्मचारी अपने परिवार सहित वहां रहता था।
सांपों की बढ़ती संख्या इसी कर्मचारी के चलते उजागर हुई है। इस शख्स के घर की खिड़की का कांच एक दिन टूट गया और कुछ सांप उसके घर में घुस आए। वह अपने परिवार सहित बाहर भागा ताकि तट पर बंधी नाव पर बैठ कर उस जगह से दूर चला जाए लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अगले दिन जब नेवी का जहाज टापू पर परिवार की जरूरत का सामान देने पहुंचा तो पूरे परिवार की काली पड़ी लाशों ने उनका स्वागत किया। इस घटना के बाद लाइट हाऊस को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया और ब्राजीलियन सरकार ने इस टापू पर इंसानों के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया। हालांकि, कई दुस्साहसी लोगों ने बाद में चुपके से वहां घुसने का प्रयास किया पर उनमें से कोई नहीं लौट सका।
कहा जाता है कि 4,30,000 वर्गमीटर में फैले इस टापू पर करीब 20,00,000 जहरीले सांप हैं जिन्हें गोल्डन पिटवाइपर कहा जाता है। इलाहा-दा-क्यूइमादा टापू पर प्रवासी पक्षियों के बहुतायत में आने को पिट वाइपर सांपों की बढ़ती आबादी का जिम्मेदार माना जाता है। वजह जो भी हो फिलहाल तो यही लगता है कि सांपों ने इंसानों को टापू से भगा कर वहां अपनी सत्ता स्थापित कर ली है।