Edited By Pardeep,Updated: 07 Sep, 2024 05:45 AM
फलस्तीन के पश्चिमी तट पर बस्ती बसाने के खिलाफ शुक्रवार को आयोजित विरोध प्रदर्शन में शामिल एक अमेरिकी महिला को इजराइली सैनिकों ने गोली मार दी जिससे उसकी मौत हो गई। एक अन्य प्रदर्शनकारी ने ‘एसोसिएटेड प्रेस' को यह जानकारी दी।
नाबलूसः फलस्तीन के पश्चिमी तट पर बस्ती बसाने के खिलाफ शुक्रवार को आयोजित विरोध प्रदर्शन में शामिल एक अमेरिकी महिला को इजराइली सैनिकों ने गोली मार दी जिससे उसकी मौत हो गई। एक अन्य प्रदर्शनकारी ने ‘एसोसिएटेड प्रेस' को यह जानकारी दी। वहीं, दो चिकित्सकों ने बताया कि महिला के सिर में गोली मारी गई। अमेरिक के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने तुर्किये में जन्मीं 26 वर्षीय महिला आयसेनुर एजगी ईगी की मौत की पुष्टि की।
उन्होंने यह नहीं बताया कि उसे इजराइली सैनिकों ने गोली मारी या नहीं। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि वह एक अमेरिकी नागरिक की हत्या से ‘बहुत परेशान' है। तुर्किये के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओनकू केसेली ने कहा कि ईगी तुर्किये की भी नागरिक थीं। उन्होंने कहा कि उनका देश ‘‘यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगा कि उसके नागरिक की हत्या करने वालों को न्याय के कठघरे में लाया जाए।''
इजराइल की सेना ने कहा कि वह उन खबरों की जांच कर रही है जिनमें कहा गया है कि सैनिकों ने विरोध प्रदर्शन के क्षेत्र में ‘‘हिंसक गतिविधि को भड़काने वाले'' पर गोलीबारी करते हुए एक विदेशी नागरिक को मार दिया। खबर के मुताबिक गोली लगने से जिस महिला की मौत हुर्ठ वह बसावट के विस्तार के खिलाफ साप्ताहिक प्रदर्शन में हिस्सा ले रही थी। यह प्रदर्शन पहले भी हिंसक हो चुका है। एक महीने पहले, अमेरिकी नागरिक अमादो सिसन को इजराइली सैनिकों ने पैर में तब गोली मार दी थी, जब वह आंसू गैस और गोलीबारी से बचने के लिए भागने की कोशिश कर रहा था।
प्रदर्शन में शामिल इजराइली नागरिक जोनाथन पोलाक ने कहा कि गोलीबारी की यह घटना उस समय हुई जब दर्जनों फलस्तीनी और अंतरराष्ट्रीय कार्यकर्ता उत्तरी पश्चिमी तट के शहर बेइता के बाहर एक पहाड़ी पर सामूहिक प्रार्थना कर रहे थे, जो इजरायली बस्ती एव्यातार के सामने स्थित है। घटनास्थल पर महिला का प्राथमिक उपचार करने वालीं डॉ. वार्ड बसालत और नजदीकी राफिदिया अस्पताल (जहां उसे ले जाया गया) के निदेशक डॉ. फौद नफ्फा ने बताया कि महिला के सिर में गोली मारी गई थी। ईगी वर्ष 2000 के बाद से इंटरनेशनल सॉलिडैरिटी मूवमेंटो (आईएसएम) की मारी गई तीसरी कार्यकर्ता हैं।
आईएसएम कार्यकर्ता अक्सर इजराइली सेना और फलस्तीनियों के बीच खड़े होकर इजराइली सेना को अभियान चलाने से रोकने की कोशिश करते हैं। पूर्व में मारे गए आईएसएम के दो कार्यकर्ताओं में अमेरिकी रेचल कॉरी और फोटोग्राफी के ब्रिटिश छात्र टॉम हुरंडल हैं जो 2003 में गाजा में मारे गए थे। तुर्किये के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर साझा किए गए एक लिखित बयान में कहा, ‘‘नेतन्याहू सरकार द्वारा की गई इस हत्या'' की वह निंदा करता है।
फलस्तीनी अधिकारियों ने कहा कि यह हत्या दर्शाती है कि इजराइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से इजराइल ने इस क्षेत्र में फलस्तीनियों के विरोध प्रदर्शनों का दमन तेज कर दिया है। फलस्तीन लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन (पीएलओ) के महासचिव हुसैन अल-शेख ने ‘एक्स' पर लिखा, यह हत्या ‘‘कब्जाधारी बलों द्वारा प्रतिदिन किए जाने वाले अपराधों की श्रृंखला में एक और अपराध है।''