Edited By Tanuja,Updated: 18 May, 2022 06:23 PM
जापान के परमाणु नियामक ने क्षतिग्रस्त परमाणु संयंत्र के संचालकों को शोधित रेडियोधर्मी अपशिष्ट जल को अगले वर्ष समुद्र में छोड़े जाने को...
इंटरनेशनल डेस्कः जापान के परमाणु नियामक ने क्षतिग्रस्त परमाणु संयंत्र के संचालकों को शोधित रेडियोधर्मी अपशिष्ट जल को अगले वर्ष समुद्र में छोड़े जाने को मंजूरी दे दी है। जापान के इस फैसले पर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई है। जापान परमाणु नियामक ने कहा कि बताए गए तरीके सुरक्षित हैं और इससे पर्यावरण को कोई खास नुकसान भी नहीं पहुंचता। ‘तोक्यो इलेक्टिक पावर कंपनी होल्डिंग्स' ने यह योजना परमाणु नियामक को सौंपी थी ,जो पिछले वर्ष सरकार द्वारा लिए गए उस निर्णय पर आधारित थी कि संयंत्र की सफाई के लिए अपशिष्ट जल को निकाला जाना एक अहम कदम है।
गौरतलब है कि वर्ष 2011में भीषण भूकंप के बाद आई सुनामी के चलते फुकुशिमा परमाणु संयंत्र क्षतिग्रस्त हो गया था और उससे बड़े पैमाने पर विकिरण फैला था। इस परमाणु संयंत्र के रिएक्टरों के प्रशीतन में इस्तेमाल हुए जल को एक टैंक में एकत्रित किया गया है। सरकार के तमाम दावों के बावजूद क्षेत्र के लोगों और पड़ोसी मुल्कों में इस जल की निकासी को लेकर तमाम आशंकाएं हैं। इस जल में ट्राइटियम मौजूद है।
उधर, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वनबिन ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चीन ने फिर एक बार जापान से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और जापानी जनता की चिंता पर ध्यान देकर समुद्र में परमाणु-दूषित पानी डालने को बंद करने, इसके लिये सभी तैयारियों को खत्म करने और वास्तविकता से अपनी अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारी निभाने का आग्रह किया है।
वांग वनबिन ने कहा कि यह चीन में सुधार व खुलेपन और आर्थिक व सामाजिक विकास में प्राप्त सफलताओं के प्रति अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा की गयी पुष्टि ही है, जो अंतर्राष्ट्रीय आरक्षित मुद्रा के रूप में आरएमबी की स्थिति को और बढ़ाने में मदद करेगा और आरएमबी संपत्तियों के अंतर्राष्ट्रीय आकर्षण को बढ़ाएगा। अमेरिका तथाकथित उत्पाद निर्यात नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों के लिए दंड बढ़ाने की योजना बना रहा है।
इसकी चर्चा में वांग वनबिन ने कहा कि अमेरिका की संबंधित कार्रवाई बाजार अर्थव्यवस्था और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नियमों के सिद्धांतों का उल्लंघन करेगी, और वैश्विक औद्योगिक और आपूर्ति श्रृंखलाओं की सुरक्षा को नुकसान पहुंचाएगी। उनके अलावा वांग वनबिन ने यह भी कहा है कि चीन हंगरी की नयी सरकार के साथ कोशिश करके दोनों देशों के व्यापक रणनीतिक साझेदार संबंधों को नयी मंजिल पर पहुंचाने की प्रतीक्षा में है।