Edited By Tanuja,Updated: 23 Jul, 2022 10:47 AM
कमजोर देशों को अपने जाल में फंसाने का चीन कोई मौका हाथ से नहीं जाने देता। गोटाबाया राजपक्षे परिवार के राज में श्रीलंका को बर्बाद करने के...
बीजिंगः कमजोर देशों को अपने जाल में फंसाने का चीन कोई मौका हाथ से नहीं जाने देता। गोटाबाया राजपक्षे परिवार के राज में श्रीलंका को बर्बाद करने के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अब इसके नए राष्ट्रपति को अपने जाल में फंसाने के लिए लग गए हैं। शुक्रवार को जिनपिंग ने रानिल विक्रमसिंघे को श्रीलंका के राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने पर बधाई दी और अपनी क्षमता के अनुसार उसे सहायता प्रदान करने की पेशकश की। सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ' के अनुसार, विक्रमसिंघे को अपने संदेश में राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा, ‘‘वह चीन-श्रीलंका संबंधों को बहुत महत्व देते हैं और अपनी क्षमता के अनुसार विक्रमसिंघे और श्रीलंकाई लोगों को सहायता प्रदान करना चाहते हैं।''
लगभग 65 साल पहले राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद से दोनों देशों को ‘‘एक-दूसरे के पारंपरिक मित्रवत पड़ोसी'' बताते हुए, उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने बड़े और छोटे देशों के बीच मैत्रीपूर्ण वार्ता और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग का एक उदाहरण स्थापित किया है। चिनफिंग ने कहा कि उनका मानना है कि राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के नेतृत्व में श्रीलंका अस्थायी कठिनाइयों को दूर करेगा और आर्थिक एवं सामाजिक सुधार की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा।
चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों पक्ष अपनी पारंपरिक दोस्ती को आगे बढ़ाएंगे, राजनीतिक आपसी विश्वास को मजबूत करेंगे और ईमानदारी से पारस्परिक सहायता एवं स्थायी मित्रता वाली रणनीतिक साझेदारी को लगातार आगे बढ़ाएंगे। विक्रमसिंघे को बृहस्पतिवार को श्रीलंका के आठवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलायी गयी थी। उनके पूर्ववर्ती गोटबाया राजपक्षे देश से भाग गये थे और पिछले सप्ताह उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। देश 1948 के बाद से सबसे बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहा है।