Edited By Pardeep,Updated: 24 Sep, 2020 04:30 AM
जॉनसन ऐंड जॉनसन ने कोरोना वायरस की ऐसी वैक्सीन का आखिरी चरण का ट्रायल शुरू कर दिया है जिसकी सिर्फ एक ही खुराक की जरूरत होगी। ज्यादातर वैक्सीनें जो विकसित की जा रही हैं, उनकी दो खुराकों की जरूरत है। कंपनी की इस स्टडी
वॉशिंगटनः जॉनसन ऐंड जॉनसन ने कोरोना वायरस की ऐसी वैक्सीन का आखिरी चरण का ट्रायल शुरू कर दिया है जिसकी सिर्फ एक ही खुराक की जरूरत होगी। ज्यादातर वैक्सीनें जो विकसित की जा रही हैं, उनकी दो खुराकों की जरूरत है। कंपनी की इस स्टडी में बुधवार को शुरू होने के साथ 60 हजार वॉलंटिअर्स पर वैक्सीन को टेस्ट किए जाने का प्लान है, जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। ये ट्रायल अमेरिका के अलावा दक्षिण अफ्रीका, अर्जंटीना, ब्राजील, चिली, कोलंबिया, मेक्सिको और पेरू में हो रहे हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि भले ही कंपनी की वैक्सीन दूसरे कैंडिडेट्स से पीछे हो, इसके दूसरे फायदे हो सकते हैं। सबसे बड़ा फायदा है कि इसे सबजीरो तापमान में स्टोर करने की जरूरत नहीं है। इसकी दो नहीं, सिर्फ एक खुराक को दिए जाने से इम्यूनिटी विकसित हो सकती है। कंपनी के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर डॉ. पॉल स्टॉफल का कहना है कि साल के अंत तक यह पुष्ट किया जा सकेगा कि वैक्सीन कितनी सुरक्षित और असरदार है।
ऐसे काम करती है वैक्सीन
यह वैक्सीन adenovirus में कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन का जीन इंसान के शरीर में पहुंचाती है। वहीं, वेस्ट वर्जीनिया यूनिवर्सिटी की वाइस चेयरवुमन डॉय जूडिथ फीनबर्ग का कहना है कि तीसरे चरण के ट्रायल के बाद ही यह साफ होगा कि क्या इसकी एक खुराक असरदार है। अगर ऐसा होता है तो इससे महामारी को नियंत्रित करना आसान हो सकता है।