Edited By Tanuja,Updated: 23 May, 2019 05:18 PM
पश्चिम एशियाई देश ओमान की साहित्यकार जोखा अल्हार्थी को इस साल का प्रतिष्ठित मैन बुकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। अल्हार्थी ने यह पुरस्कार जीतकर...
दुबईः पश्चिम एशियाई देश ओमान की साहित्यकार जोखा अल्हार्थी को इस साल का प्रतिष्ठित मैन बुकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। अल्हार्थी ने यह पुरस्कार जीतकर इतिहास रच दिया है, क्योंकि वह पहली महिला उपन्यासकार हैं, जिन्हें अरबी भाषा में लिखे गए उनके उपन्यास ‘कैलेस्टियल बॉडीज’ के लिए यह पुरस्कार मिला है। अल्हार्थी ने लंदन में समारोह के बाद कहा, मैं रोमांचित हूं कि अरबी संस्कृति के लिए एक खिड़की खोली गई है।
जोखा अल्हार्थी की यह जीत इस मायने में भी खास है क्योंकि उनकी रचना मूल रूप से अरबी में है और इसके अंग्रेजी में अनुवाद को बुकर पुरस्कार की चयन समिति ने चुना है। जोखा अल्हार्थी को बुकर पुरस्कार में जीत के बतौर 50 हजार पाउंड यानी 44 लाख रुपए से ज्यादा की रकम मिलेगी, जिसे उन्होंने अपने उपन्यास ‘कैलेस्टियल बॉडीज’ की अनुवादक अमेरिका की मर्लिन बूथ के साथ साझा करने का फैसला किया है।
अरबी में लिखे गए इस उपन्यास का मर्लिन ने अंग्रेजी में अनुवाद किया है। इस उपन्यास में तीन बहनों- मय्या, अस्मा और ख्वाला की कहानी है। ये तीनों बहनें एक मरुस्थली देश में रहती हैं। उपन्यास में तीनों बहनों द्वारा दासता के अपने इतिहास से उबरने के बाद जटिल आधुनिक विश्व के साथ तालमेल बनाने के संघर्ष का वर्णन किया गया है।