Edited By Tanuja,Updated: 11 Nov, 2018 02:21 PM
पत्रकार जमाल खशोगी (59) की हत्या को लेकर तुर्की के राष्ट्रपति ने दावा किया कि सऊदी अरब, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के अधिकारियों ने इस्तांबुल में सऊदी अरब के दूतावास में खशोगी की हत्या से जुड़ी रिकार्डिंग सुनी है।
दुबईः पत्रकार जमाल खशोगी (59) की हत्या को लेकर तुर्की के राष्ट्रपति ने दावा किया कि सऊदी अरब, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के अधिकारियों ने इस्तांबुल में सऊदी अरब के दूतावास में खशोगी की हत्या से जुड़ी रिकार्डिंग सुनी है। उन्होंने पहली बार सार्वजनिक रूप से हत्या के टेप होने की बात स्वीकार की है।
राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने पत्रकारों से कहा कि सऊदी अरब को अपने आप को संदेह से छुटकारा दिलाने के लिए 2 अक्तूबर को हुई द वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार की हत्या की निष्पक्ष कार्रवाई और इसके पीछे जिम्मेदार लोगों के नामों का खुलासा करना होगा।
एर्दोआन ने टीवी पर कहा कि सऊदी अरब, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन को , ‘हमने रिकार्डिंग दे दी ।’ उन्होंने कहा, ‘सऊदी अरब ने भी बातचीत सुनी है और उन्हें मालूम है, इसे तोड़ मरोड़कर पेश करने की जरुरत नहीं है। वे निश्चित तौर पर जानते हैं कि कौन 15 लोग हत्यारे हैं।’ गौरतलब है कि खशोगी को आखिरी बार अपनी शादी के लिए दस्तावेज हासिल करने के वास्ते 2 अक्तूबर को वाणिज्य दूतावास में प्रवेश करते हुए देखा गया था।
कई बार इंकार करने के बाद सऊदी अरब ने आखिरकार स्वीकार किया कि खशोगी की हत्या हो गई थी। कुछ अधिकारियों ने इस घटना के लिए शहजादे मोहम्मद बिन सलमान की ओर इशारा किया है। तुर्की के कुछ मीडिया संगठनों और अधिकारियों ने कहा कि अंकारा के पास हत्या की ऑडियो रिकार्डिंग है तथा इसने सीआईए प्रमुख जीना हास्पेल के साथ इसे उस वक्त साझा किया था, जब वह अक्टूबर के अंत में तुर्की की यात्रा पर थीं।