ट्रंप से मिलने के लिए हवाई यात्रा नहीं करेंगें किम, ये है बड़ा कारण

Edited By Isha,Updated: 11 May, 2018 01:36 PM

kim will not travel to meet trump this is the big reason

पिछले दिनों जिस तरह से नॉर्थ कोरिया ने अपने रुख में बदलाव किया है उसके बाद लगातार नॉर्थ कोरिया और अमेरिका के बीच बातचीत का दौर जारी है। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नॉर्थ कोरिया के तानाशाह से

इंटरनैशनल डेस्कः पिछले दिनों जिस तरह से नॉर्थ कोरिया ने अपने रुख में बदलाव किया है उसके बाद लगातार नॉर्थ कोरिया और अमेरिका के बीच बातचीत का दौर जारी है। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नॉर्थ कोरिया के तानाशाह से मुलाकात होगी। इस बात की खुद ट्रंप ने ट्वीट करके जानकारी दी। उन्होने ट्वीट करके कहा कि मेरे और किम जोंग उन के बीच बहुचर्चिच मुलाकात 12 जून को सिंगापुर में होगी। हम इस दौरान दुनिया में शांति के लिए इस मौके को खास बनाने की कोशिश करेंगे।

दरअसल सिंगापुर नॉर्थ कोरिया की हवाई मार्ग से भी काफी करीब है और सुरक्षा की दृष्टि से कोई जोखिम नहीं है। रिपोर्ट की माने तो किम जोंग को हवाई यात्रा का भी डर है, जिसकी वजह से वह लंबी हवाई यात्रा नहीं करना चाहता है। यही वजह है कि नॉर्थ का तानाशाह सुरक्षा की दृष्टि से लंबी हवाई यात्रा से बचना चाहता है और वह कम से कम दूरी की हवाई यात्रा करना चाहता है। जिसकी वजह से सिंगापुर को तमाम दृष्टिकोण से ध्यान रखते हुए चुना गया है।

ट्रंप और किम जोंग उन के बीच मुलाकात का जबसे ऐलान हुआ है, उसके बाद से लगातार यह सवाल खड़ा हो रहा है कि यह मुलाकात कहां होगी। लेकिन जैसे ही ट्रंप ने इस बात का ऐलान किया कि वह सिंगापुर में किम जोंग उन से मुलाकात करेंगे तो उसके बाद से यह सवाल खड़ा हो गया कि आखिर यह मुलाकात सिंगापुर में क्यों होगी। दोनों ही नेताओं ने अपने देश के अलावा दूसरे देश में मुलाकात का फैसला लिया। यहा दिलचस्प बात यह है कि किम जोंग उन इस मुलाकात के लिए पश्चिमी देश की यात्रा नहीं करना चाहता था। वह चाहता था कि यह मुलाकात जपान या साउथ कोरिया में हो।
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माना जा रहा था कि इस मुलाकात की मेजबानी चीन करना चाहता था, लेकिन इसके लिए अमेरिका तैयार नहीं था। जबकि सुरक्षा की दृष्टि से एशिया और अफ्रीका को सुरक्षित स्थान नहीं माना जा रहा था। सूत्रों की मानें तो ट्रंप व्यक्तिगत तौर पर यह मुलाकात नॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया के सैन्य क्षेत्र में करना चाहते थे। लेकिन ऐसा करने से यह संदेश जाता कि यह मुलाकात नॉर्थ कोरिया के पक्ष में जा रही है। वहीं मंगोलिया को इस मुलाकात के लिए इसलिए दरकिनार कर दिया गया क्योंकि यह चीन के काफी करीब था और इसके लिए अमेरिका तैयार नहीं होता।

सिंगापुर को इस मुलाकात के लिए चुनने की एक बड़ी वजह यह है कि यहां नॉर्थ कोरिया का कोई दावा नहीं है, दोनों ही देशों के बीच संबंध भी बेहतर रहे हैं। साथ ही नॉर्थ कोरिया सिंगापुर के करीब भी है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि जिन 40 देशों में नॉर्थ कोरिया का दूतावास है उसमे से एक सिंगापुर भी है। यह उन देशों में से भी एक है जिसे खुद नॉर्थ कोरिया पसंद करता है और यहां वह खुद को सुरक्षित भी महसूस करता है।

 

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