Edited By ,Updated: 04 Jan, 2017 02:59 PM
श्रीलंका की एक अदालत ने सेना को 30 जनवरी तक उन लोगों की सूची सौंपने को कहा है कि जिन्होंने वर्ष 2009 में लिट्टे के साथ युद्ध के अंतिम चरणों में आत्मसमर्पण किया था...
कोलंबो: श्रीलंका की एक अदालत ने सेना को 30 जनवरी तक उन लोगों की सूची सौंपने को कहा है कि जिन्होंने वर्ष 2009 में लिट्टे के साथ युद्ध के अंतिम चरणों में आत्मसमर्पण किया था। अदालत एेसे लोगों के मामलों की सुनवाई कर रही है जो आत्मसमर्पण करने के बाद से लापता हैं।
एक वकील के.एस. रत्नावेल ने बताया कि मुल्लैतिवु जिले के न्यायाधीश एम एस एम शम्सुद्दीन ने कल सेना से 30 जनवरी तक सूची सौंपने का कहा है। मैजिस्ट्रेट का आदेश बंदी प्रत्यक्षीकरण से जुड़े एक मामले की सुनवाई के क्रम में आया है। यह मामला आत्मसमर्पण करने वाले लिट्टे के उन सदस्यों से जुड़ा था जो आत्मसमर्पण करने के बाद कथित रूप से लापता हो गए थे।
पिछली सुनवाई के दौरान सेना ने कहा था कि वह समर्पण करने वालों की सूची सौंप देेगी। बहरहाल, रत्नावेल ने दलील दी थी कि सूची में केवल उन लोगों के नाम हैं जिन्हें सरकारी पुनर्वास के लिए भेजा गया था न कि उन लोगों के नाम हैं जो कथित रूप से लापता हैं। सरकार का कहना है कि उन्होंने लिट्टे के उन 8,000 सदस्यों का पुनर्वास करा दिया है जिन्होंने समर्पण किया था।