Edited By ,Updated: 04 Sep, 2016 07:29 PM
कजाखस्तान और उत्तरी उज्बेकिस्तान के बीच मौजूद अरल सागर बूरी तरह सूख गया है। इसका नासा ने एक वीडियो भी तैयार किया है।
अस्ताना: कजाखस्तान और उत्तरी उज्बेकिस्तान के बीच मौजूद अरल सागर बूरी तरह सूख गया है। इसका नासा ने एक वीडियो भी तैयार किया है। दुनिया का चौथा सबसे बड़ा सागर यानी अरल सागर को आईलैंड्स का सागर कहा जाता था, क्योंकि उस दौर में इस सागर में 1,534 आईलैंड हुआ करते थे। अरल सागर बीते 50 साल में लगभग 90 फीसदी सूख चुका है।
सागर के सूखने से सबसे ज्यादा नुकसान यहां की फिशिंग इंडस्ट्री को हुआ। फिशिंग इंडस्ट्री पूरी तरह से खत्म हो गई, जिसके चलते बेरोजगारी और इकोनॉमिक क्राइसिस का दौर शुरू हो गया। पानी सूखने के चलते पॉल्यूशन बढ़ा है और अरल सागर के इलाके में रह रहे लोगों को सेहत से जुड़ी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। मौसम पर भी इसका जबरदस्त असर पड़ा है। गर्मी हो या सर्दी, दोनों ही कहर बरपा रही है।
आपको बता दें कि इस सागर के सूखने की शुरूआत सोवियत संघ के दौरान हुई थी। 1960 में सोवियत संघ के एक प्रोजेक्ट के लिए नदियों का बहाव मोड़ा गया था, जिसके बाद से ही इस सागर के सूखने का सिलसिला जारी है। हालांकि अरल सागर को भरन के लिए कजाखस्तान का डैम प्रोजेक्ट 2005 में बन गया था, जिसके बाद 2008 में सागर में पानी उतारा गया। पानी का स्तर तो बढ़ा लेकिन इन सबके बावजूद भी यह सागर सूखे की मार को नहीं झेल पाया।