द. अफ्रीका में हिंदू और मुस्लिम शादियों में आ रही मुश्किलें, ग्रीन पेपर' में उठा मान्यता का मुद्दा

Edited By Tanuja,Updated: 08 May, 2021 09:55 AM

legal status of hindu muslim marriages in s africa under spotlight

दक्षिण अफ्रीका में हिंदू और मुस्लिम रीति-रिवाजों से हुई शादियों में पति-पत्नियों के सामने आ रही मुश्किलों पर ‘ग्रीन पेपर'' में विचार किया जा रहा है...

जोहानिसबर्ग: दक्षिण अफ्रीका में हिंदू और मुस्लिम रीति-रिवाजों से हुई शादियों में पति-पत्नियों के सामने आ रही मुश्किलों पर ‘ग्रीन पेपर' में विचार किया जा रहा है। साथ ही महिलाओं के एक से ज्यादा पति होने के विवादित मुद्दे पर भी विचार किया जा रहा है। इस ग्रीन पेपर को अगले महीने के अंत तक जनता की टिप्पणियों के लिए जारी किया गया है। विभिन्न पक्षकारों से महीनों तक व्यापक चर्चा करने के बाद यह पत्र तैयार किया गया है। गृह मामलों के विभाग (डीएचए) ने ‘ग्रीन पेपर' में कहा, ‘‘मुस्लिम, हिंदू और यहूदी शादियों को मान्यता देने का मुद्दा उठा।

 

पक्षकारों ने विधायी माध्यमों से इन शादियों को मान्यता देने की तत्काल आवश्यकता का मुद्दा उठाया।'' इसमें कहा गया है, ‘‘पहले की विसंगतियों को खत्म करने के प्रयासों के बावजूद मौजूदा विवाह कानूनों में कुछ सांस्कृतिक और धार्मिक समुदायों की शादियों को कानूनी मान्यता नहीं दी गई है।'' इसमें कुछ अफ्रीकी समुदायों में हुई इस्लामी और हिंदू शादियां शामिल हैं और साथ ही ट्रांसजेंडरों की शादियां भी शामिल हैं। मौजूदा विवाह कानून के तहत हिंदू, मुस्लिम तथा अन्य धार्मिक विवाह अधिकारी शादियां करा सकते हैं, लेकिन शादी डीएचए में पंजीकृत भी होनी चाहिए क्योंकि धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ की गई शादी की कोई कानूनी वैधता नहीं है।

 

डीएचए ने कहा, ‘‘चर्चा में बहुविवाह का मुद्दा भी विवादित रहा। कुछ पक्षकारों ने बहुविवाह प्रथा में विश्वास जताया जबकि कुछ ने इसका विरोध किया।'' पक्षकारों के साथ बाचतीत में यह खुलासा हुआ कि अदालतों ने मुस्लिम शादियों में पति/पत्नियों को विवाह संबंधित कई अधिकार दिए हैं जबकि हिंदू और अन्य धर्मों के लोगों को कम अधिकार दिए गए हैं जिससे इन धार्मिक शादियों के पास मुस्लिमों की शादियों के मुकाबले कम और कमजोर अधिकार हैं। डीएचए ने कहा कि हिंदू शादियों में तलाक एक कलंक है जो महिलाओं को अनिश्चितता की स्थिति में छोड़ देता है।

 

कानून में ऐसी शादियों को संरक्षण नहीं दिया गया है, जिससे स्थिति जटिल हो जाती है। इन सब मुद्दों से निपटने के लिए ग्रीन पेपर में सभी मान्यता प्राप्त सांस्कृतिक और धार्मिक अधिकारों के संरक्षण के वास्ते नए विवाह कानूनों के लिए तीन विकल्पों का प्रस्ताव दिया गया है। इसमें मौजूदा विवाह कानून में संशोधन, एक विवाह या बहुविवाह को मान्यता देना शामिल हैं। 

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!