Edited By Tanuja,Updated: 30 Sep, 2019 05:15 PM
लाहौर उच्च न्यायालय ने मुम्बई आतंकवादी हमले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता एवं जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद ...
लाहौरः लाहौर उच्च न्यायालय ने मुम्बई आतंकवादी हमले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता एवं जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद की वह अर्जी सोमवार को स्वीकार कर ली जिसमें उसने अपने खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिये धन मुहैया कराने के मामले को सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए गुजरांवाला की एक आतंकवाद निरोधक अदालत से यहां की एक अदालत में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया था।
यह जानकारी मीडिया में आई एक खबर में दी गई है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित वैश्विक आतंकवादी सईद को 17 जुलाई को आतंकवाद वित्तपोषण मामले में तब गिरफ्तार कर लिया गया था जब वह लाहौर से गुजरांवाला जा रहा था। सईद की गिरफ्तारी से पहले जमात-उद-दावा के 13 नेताओं के खिलाफ आतंकवाद वित्तपोषण और आतंकवाद निरोधक कानून, 1997 के तहत धनशोधन के लिए करीब दो दर्जन प्रकरणों में मामले दर्ज किये गए थे। इन 13 नेताओं में सईद और नायब अमीर अब्दुल रहमान मक्की शामिल था। ‘डॉन' समाचार पत्र की खबर के अनुसार लाहौर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सरदार शमीम अहमद ने सईद की ओर से दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई की।
सईद ने उक्त याचिका में कहा कि उसे लाहौर के एक जेल में रखा गया है लेकिन उसे अदालत में प्रत्येक सुनवायी के लिए गुजरांवाला ले जाया जाता है। समाचारपत्र की खबर के अनुसार सईद ने कहा कि सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर गुजरांवाला अदालत के समक्ष पेश होना उपयुक्त नहीं है। उसने कहा कि यदि उसे लाहौर की जेल में रखा गया है तो मामले को भी वहीं स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए। समाचारपत्र की खबर के अनुसार सुनवायी के दौरान पाकिस्तान सरकार के एक वकील ने कहा कि उन्हें मामले को स्थानांतरित करने में कोई आपत्ति नहीं है।
पंजाब पुलिस के आतंकवाद निरोधक विभाग ने प्रांत के विभिन्न शहरों में ‘‘आतंक वित्तपोषण'' के आरोपों में जमात-उद-दावा के सदस्यों के खिलाफ 23 प्राथमिकी दर्ज की है। मामले लाहौर, गुजरांवाला और मुल्तान में दर्ज किये गए हैं। ये मामले आतंकवाद वित्तपोषण के लिए सम्पत्तियों के जरिये धनराशि एकत्रित करने के लिए दर्ज किये गए हैं जो अल अंफाल ट्रस्ट, दावातुल इरशाद ट्रस्ट और मुआज बिन जबाल ट्रस्ट जैसे ट्रस्टों या गैर लाभकारी संगठनों के नाम पर हैं।