पाक में अब LHCBA उतरी अहमदिया समुदाय के खिलाफ, ईदुल अज़हा पर बलि को लेकर उठाई मांग

Edited By Tanuja,Updated: 13 Aug, 2020 02:02 PM

lhcba wants ahmadis barred from sacrificing animals

मुल्तान बार एसोसिएशन के बाद अब लाहौर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन (LHCBA ) भी अहमदिया समुदाय के खिलाफ उतर आई है।  LHCBA ने संघीय आंतरिक मंत्रालय से सर्वोच्च न्यायालय के संवैधानिक ...

 

इस्लामाबादः मुल्तान बार एसोसिएशन के बाद अब लाहौर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन (LHCBA ) भी अहमदिया समुदाय के खिलाफ उतर आई है।  LHCBA ने संघीय आंतरिक मंत्रालय से सर्वोच्च न्यायालय के संवैधानिक प्रावधानों और निर्णयों के कार्यान्वयन में अहमदिया समुदाय को इस्लामिक संस्कार ईदुल अज़हा पर जानवरों की बलि देने से रोकने की मांग की है। बार ने आंतरिक मंत्री को लिखे गए एक पत्र में मांग की है कि संविधान के अनुच्छेद 260 (3) के तहत, क़ादियानी या लाहौरी समूह, जो खुद को अहमदी या किसी अन्य नामों से बुलाते हैं, को सेप्ट 17, 1974 से गैर-मुस्लिम घोषित किया गया है ।

 

बार एसो. के अनुसार "क़ुर्बानी" सुन्नत-ए-इब्राहिमी (एएस) और साथ ही सुन्नत-ए-मुहम्मद (PBUH) सिर्फ मुसलमानों द्वारा किया जाता है जबकि अहमदिया समुदाय गैर मुस्लिम घोषित हो चुका है। पत्र में LHCBA ने यह भी लिखा कि संविधान और सुप्रीम कोर्ट ने अपने कई फैसलों में क़ादियानी या लाहौरी समूह (गैर-मुस्लिमों) को शायर-ए-इस्लाम (इस्लामिक संस्कार) करने से स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित किया गया है इसलिए उनकी मांग पर विचार कर  जल्द लागू किया जाए।

 

बता दें कि  पाकिस्तान में 95 से 98 प्रतिशत लोगों द्वारा इस्लाम फॉलो किया जाता है और यहां के मुसलमान 3 सब सेक्ट्स में बंटे हैं जिनमें सुन्नी, शिया और अहमदिया शामिल हैं। अहमदिया समुदाय को लेकर  हालत ये है कि इन्हें पाकिस्तान की सरकार के अलावा आम लोगों द्वारा पूर्ण रूप से खारिज कर दिया गया है । आम सुन्नी मुसलमानों का मत हैं कि इस्लाम के अंतर्गत 'अहमदिया' वो भटके हुए लोग हैं जिनका इस्लाम से कोई लेना देना नहीं है और ये अपनी हरकतों से लगातार इस्लाम का नाम खराब कर रहे हैं। मुख्यतः 19 वीं में आये अहमदियां पंथ की शुरुआत मिर्जा गुलाम अहमद (1835-1908) ने की. ध्यान रहे कि अहमदिया समुदाय के अनुयायी इन्हें मुहम्मद साहब के बाद एक और पैगम्बर मानते हैं और इनकी आराधना करते हैं।

 

आम मुसलमान हजरत मुहम्मद के अलावा किसी को अपना रसूल नहीं मानता है और इस मिर्जा गुलाम अहमद को अपने को रसूल या फिर रसूल का वारिस कहना आम मुसलमानों को स्वीकार नहीं है। आज पाकिस्तान में लगभग 25 लाख अहमदिया वास करते हैं। इस प्रकार विश्व में सर्वाधिक अहमदिया पाकिस्तान में ही रहते हैं। पूर्व में पाकिस्तानी पंजाब के रबवा में अहमदिया जमात का मुख्यालय हुआ करता था जिसे हिंसा के डर से बाद में इंगलैण्ड ले जाया गया । पाकिस्तान में अहमदिया लोगों के साथ सौतेला व्यवहार व अत्याचार आम बात है। गौरतलब है कि पाक में अल्पसंख्यकों व अहमदिया समुदाय को चुनाव लड़ने पर भी बैन लगा दिया है ।

 

 

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