Edited By Ashish panwar,Updated: 12 Jan, 2020 07:12 PM
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की युद्धविराम की अपील के बाद, उत्तरी अफ्रीकी देश लीबिया के दोनों धड़े संघर्ष विराम के लिए राजी हो गए हैं। जनरल खलीफा हफ्तार ने शनिवार को संघर्ष विराम की घोषणा की। रूस और...
इंटरनेशनल डेस्कः रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की युद्धविराम की अपील के बाद, उत्तरी अफ्रीकी देश लीबिया के दोनों धड़े संघर्ष विराम के लिए राजी हो गए हैं। जनरल खलीफा हफ्तार ने शनिवार को संघर्ष विराम की घोषणा की। रूस और तुर्की के अलावा जर्मनी और इटली भी इस संघर्ष को खत्म करने की कोशिशों में लगे हुए थें। तुर्की के राष्ट्रपति तैयब एर्दोआन और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन की संयुक्त अपील के बाद शनिवार देर रात हफ्तार बलों ने संघर्ष विराम की घोषणा कर दी है।
संयुक्त राष्ट्र से मान्यता प्राप्त नेशनल अकॉर्ड (जीएनए) के प्रमुख फयेज अल सरराज ने रविवार सुबह संघर्ष विराम के समझौते की घोषणा करते हुए कहा कि, यह सघर्ष विराम रविवार से प्रभावी हो गया है। इस संघर्ष विराम से लीबिया में एक स्थाई सरकार चलाने और जनता के लिए काम करने मेंं मदद मिलेंगी। इस्तांबुल में बुधवार को बैठक करके एर्दोआन और पुतिन ने संघर्षविराम की अपील की थी। जिसे दोनों पक्षों नें मानते हुए संघर्ष विराम को सहमति दे दी हैं। गौरतलब है की, वर्ष 2011 में तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी की मौत के बाद से लीबिया में जीएनए और हफ्तार नामक दो पक्षों के बीच देश में नेतृत्व की लड़ाई चल रही है।