पाकिस्तान में चीन के CPEC आर्थिक गलियारे को लेकर बढ़ा रोष

Edited By Tanuja,Updated: 05 Jul, 2018 12:16 PM

local people are rising voice against cpec in pakistan

पाकिस्तान में चीन के आर्थिक गलियारे CPEC को लेकर स्थानीय लोगों में  रोष बढ़ाता जा रहा है। लोगों में गुस्से का कारण अपर्याप्त रोजगार के साथ ही 2700 किलोमीटर लंबे आर्थिक गलियारे से लगते आवासीय इलाकों में भारी तादाद में सैन्य तैनाती है। ग्वादर बंदरगाह...

इस्लामाबादः पाकिस्तान में चीन के आर्थिक गलियारे CPEC को लेकर स्थानीय लोगों में  रोष बढ़ाता जा रहा है। लोगों में गुस्से का कारण अपर्याप्त रोजगार के साथ ही 2700 किलोमीटर लंबे आर्थिक गलियारे से लगते आवासीय इलाकों में भारी तादाद में सैन्य तैनाती है। 
ग्वादर बंदरगाह CPEC का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसके जरिए चीन यह उम्मीद करता है कि उसकी पहुंच अरब सागर तक हो जाएगी और वे अपने सामानों को निर्यात करने के लिए इसे वैकल्पिक समुद्री रास्ते के तौर पर इस्तेमाल कर सकेगा। लेकिन, CPEC के बीच में अशांत बलूचिस्तान के आने वहां पर पर भारी विद्रोह को देखते हुए काफी तादाद में सैनिकों की तैनाती की गई है। ऐसे समय में जब 25 जुलाई को पाकिस्तान में आम चुनाव होना है और करीब हफ्ते भर ही इसमें बचे हैं, ऐसे में आईसीजी की रिपोर्ट के बाद वहां के राजनेताओं का ध्यान इस ओर जा सकता है। 

ब्रुसेल्स के गैर लाभकारी संगठन ने कहा कि 62 बिलियन डॉलर लागत से बन रहे आर्थिक गलियारा (CPEC) के चलते राजनीतिक तनाव और कटुता बढ़ेगी जब तक कि पाकिस्तान और चीन इस पर फौरन कदम उठाकर आम लोगों की समस्याओं को नहीं सुलझा लेते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में सुधार की जरूरत है ताकि यहां के लोगों के जीवनस्तर को बेहतर किया जा सके और कई अधिकारियों का यह करना है कि CPEC इस दिशा में मदद करेगा। लेकिन, वर्तमान परिस्थिति में यह कॉरिडोर राजनीतिक तनाव बढ़ाने, सामाजिक बंटवारा और पाकिस्तान में संघर्ष का यह एक बड़ा कारण बन सकता है।

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