चीन में मुस्लिमों की पत्नियां हो रहीं गायब

Edited By Tanuja,Updated: 25 Dec, 2018 11:32 AM

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चीन के शिंजियांग प्रांत से 200 से अधिक मुस्लिम व्यापारियों की पत्नियां लापता हो गई हैं। जब उन्होंने इस संबंधी शिकायत की तो उन्हें बताया गया कि उनकी पत्नियों को शैक्षणिक केंद्र ले जाया गया है...

बीजिंगः चीन के शिंजियांग प्रांत से 200 से अधिक मुस्लिम व्यापारियों की पत्नियां लापता हो गई हैं। जब व्यापारियों ने इस संबंधी शिकायत की तो उन्हें बताया गया कि उनकी पत्नियों को शैक्षणिक केंद्र ले जाया गया है। चौधरी जावेद अट्टा भी उन्हीं में से हैं और उनकी पत्नी एक साल पहले लापता हो गई थी। उन्हें अपने वीजा को रिन्यू करवाने के लिए दोबारा पाक आना पड़ा है और वहां से आने के बाद वह अपनी पत्नी की तलाश फिर शुरू करेंगे। अट्टा ने कहा कि उनकी पत्नी ने आखिरी बार उनसे कहा था कि जैसे ही आप जाएंगे वे मुझे कैम्प में ले जाएंगे और मैं कभी वापस नहीं आऊंगी। जब दोनों अलग हुए थे उस वक्त उइगर मुस्लिम अट्टा और अमीना मानजी की शादी को 14 साल हो गए थे। अमीना अगस्त 2017 से लापता है।

उन्होंने बताया कि उन्हें तब से पाकिस्तान से चीन आने का वीजा नहीं मिल पा रहा है, जहां उनके दो बेटे 5 और 7 साल के रह रहे हैं। इनके पासपोर्ट चीनी सरकार ने जब्त कर रखे हैं। जावेद अपने बेटों से भी नहीं मिल पाए हैं। जावेद ने बताया कि पिछले हफ्ते मुझे एक अच्छी खबर मिली, जब मेरी अपने साले से फोन पर बात हुई। वो हार्ट अटैक आने के बाद से अस्पताल में है। साले ने बताया कि उसके दोनों बेटे ठीक हैं लेकिन वाइफ की कोई खबर नहीं है। चीन में सिर्फ जावेद की ही ऐसी कहानी नहीं है। पाकिस्तानी बिजनेसमैन मिर्जा इमरान बेग भी इसी हालात से गुजर रहे हैं, जिनकी उइगर बीवी लापता हैं। इसी तरह पाकिस्तान के मीर अमन की भी पत्नी गायब हैं। इससे पहले चीन के शिनजियांग प्रांत में बड़ी संख्या में मुस्लिमों को एक खास तरह के कैंपों में रखने का मामला सामने आया था। इनकी संख्या करीब 10 लाख बताई गई थी और इन्हें दोबारा शिक्षा दी जा रही। हालांकि, चीन इन बातों को नकारता रहा है।
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दरअसल, शिनजियांग में रहने वाले एक करोड़ से ज्यादा वीगर समुदाय के लोग मुसलमान है। इनकी भाषा तुर्की से मिलती-जुलती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वीगर समुदाय के इस पूरे इलाके को नजरबंद कर लिया गया था। यहां करीब 10 लाख लोग हिसारत में जिंदगी बिता रहे थे। ये बात ह्यूमन राइट्स वॉच ने भी कंफर्म की थी। कहा ये भी जा रहा था कि इन लोगों को हिरासती कैंप में चीनी भाषा सिखाई जा रही है। साथ ही इन्हें चीनी प्रेसिडेंट शी जिनपिंग के साथ वफादारी की कसमें खिलाई गई थीं। रिपोर्ट्स में तो यहां तक कहा जा रहा है कि वीगर समुदाय के लोगों को घरों पर QR कोड्स लगे हैं और चेहरे पहचानने के लिए कैमरे फिट हैं। ताकि अफसर जब चाहें तब कैमरे से घर के अंदर मौजूद लोगों का पता लगा लें।

सामने आने वाली मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यहां मुस्लिम समुदाय के लोगों का टॉर्चर हो रहा है। उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं पर पाबंदी लगी हुई है। साथ ही उनकी रोजमर्रा की जिंदगी का हर पहलू निगरानी में है। उनके रोज रखने, नमाज पढ़ने, दाढ़ी रखने और बुर्का पहनने को लेकर पाबंदियां है। इसके अलावा उन्हें जबरन ऐसी चीजें खाने पर मजबूर किया जाता है, जो उनके यहां धार्मिक तौर पर प्रतिबंधित है।

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