Edited By Yaspal,Updated: 16 Oct, 2019 09:23 PM
कश्मीर मामले में पाकिस्तान का साथ देने के बाद अब मलेशिया भारत की ओर से कड़ा रुख अपनाए जाने के साफ संदेश के बाद घबरा गया है। नाराजगी दूर करने के लिए मलेशिया ने भारत के समक्ष चीनी और भैंस के मांस का आयात बढ़ाने का प्रस्ताव रखा...
नेशनल डेस्कः कश्मीर मामले में पाकिस्तान का साथ देने के बाद अब मलेशिया भारत की ओर से कड़ा रुख अपनाए जाने के साफ संदेश के बाद घबरा गया है। नाराजगी दूर करने के लिए मलेशिया ने भारत के समक्ष चीनी और भैंस के मांस का आयात बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। हालांकि खाद्य तेल आयात मामले में इंडोनेशिया को मलेशिया से ज्यादा महत्व देने के अपने नए रुख पर भारत अडिग है।
दरअसल, कश्मीर मामले में भारत सरकार के फैसले की संयुक्त राष्ट्र में आलोचना के बाद भारत ने मलयेशिया के साथ द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने का फैसला किया था। इस कड़ी में मलयेशिया से खाद्य तेल का सबसे बड़ा आयातक भारत ने इंडोनेशिया से आयात बढ़ाने का संकेत दिया था। भारत की नाराजगी के बाद व्यापारियों ने मलयेशिया की जगह इंडोनेशिया से खाद्य तेल खरीदना शुरू कर दिया।
इससे घबराए मलयेशिया ने भारत के तीसरे सबसे बड़े आयातक होने का हवाला देते हुए चीनी और भैंस के मांस का आयात बढ़ाने का प्रस्ताव दिया। सरकारी सूत्रों का कहना है कि कश्मीर पर पाकिस्तान का साथ देने के बाद भारत की ओर से मलयेशिया के प्रति नरमी दिखाना फिलहाल संभव नहीं दिख रहा।
भारत के पास मलयेशिया में मिल रहे खाद्य तेल की कीमतों पर ही इंडोनेशिया से खाद्य तेल आयात करने का विकल्प है। सैद्घांतिक तौर पर इस आशय का फैसला हो चुका है। यही कारण है कि आयात से जुड़े कारोबारियों ने मलयेशिया में खाद्य तेलों की खरीद बंद कर दी है।