मलेशिया में सरकार के खिलाफ बोलने का मिला अधिकार

Edited By Tanuja,Updated: 18 Aug, 2018 04:25 PM

malaysia repealed its fake news law used to stifle free speech and fines

मलेशिया में लोगों को सरकार के खिलाफ  बोलने की आजादी मिल गई  है। इससे पहले ऐसा करने वालों को छह साल जेल और पांच लाख रिंगगिट (करीब 85 लाख रुपए) का जुर्माना भुगतना पड़ता था...

कुआलालंपुरः मलेशिया में लोगों को सरकार के खिलाफ  बोलने की आजादी मिल गई  है। इससे पहले ऐसा करने वालों को छह साल जेल और पांच लाख रिंगगिट (करीब 85 लाख रुपए) का जुर्माना भुगतना पड़ता था। यह कानून मार्च में पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक ने लागू किया था। तत्कालीन सरकार ने इसे फेक न्यूज कानून करार दिया था। सरकार के खिलाफ बोलने का हक छीनने वाले इस कानून की देशभर में आलोचना हो रही थी। 

इसके अलावा फेक न्यूज कानून   हटाने वाला मलेशिया दुनिया का पहला देश बन गया है। इसी साल मई में हुए चुनाव में 93 साल के महातिर मोहम्मद देश के प्रधानमंत्री चुने गए। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान फेक न्यूज कानून को हटाने का वादा किया था। चुनाव से पहले उन पर भी फेक न्यूज कानून के तहत जांच चल रही थी। महातिर का दावा था कि नजीब प्रशासन के लिए काम करने वालों ने उन पर विमान में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था।

महातिर को चुनाव लड़ने से रोकने की भी कोशिश की गई थी। फिलहाल नजीब पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। ये साबित हुए तो उन्हें 125 साल की जेल हो सकती है।  संसद में फेक न्यूज कानून को हटाने के लिए तीन घंटे बहस चली। विपक्ष ने भी इसके पक्ष में वोट दिया। मंत्री हनिपा मैदिन ने कहा कि फेक न्यूज से निपटने के लिए पुलिस को नई शक्तियां दी जाएंगी। मानवाधिकार और प्रेस की आजादी की वकालत करने के वाले समूहों ने कानून हटाने का स्वागत किया। 

 

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