Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Dec, 2017 08:13 PM
शराब कारोबारी विजय माल्या के वकीलों के दल ने मंगलवार को स्थानीय आलदत में उनका पुरजोर बचाव किया। उनके वकीलों ने कहा कि भारत सरकार द्वारा दायर धोखाधड़ी के इस मामले के समर्थन में कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं।
लंदन: शराब कारोबारी विजय माल्या के वकीलों के दल ने मंगलवार को स्थानीय आलदत में उनका पुरजोर बचाव किया। उनके वकीलों ने कहा कि भारत सरकार द्वारा दायर धोखाधड़ी के इस मामले के समर्थन में कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं।
भारत में 9,000 करोड़ रुपए की कर्ज धोखाधड़ी तथा मनी लांड्रिंग मामले में वांछित माल्या (61) वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में सोमवार को फिर पहुंचे। बैरिस्टर क्लेयर मोंटगोमरी की अगुवाई में उनकी टीम ने दलीलों की शुरुआत करते हुए कहा कि धोखाधड़ी मामले के पक्ष में सबूत नहीं हैं।
मामले की सुनवाई के पहले दिन भारत सरकार की तरफ से पैरवी कर रही क्राउन प्रोस्क्यूशन र्सिवस (सीपीएस) ने अपनी दलीलें रखी थी। उसका इस बात पर जोर था कि माल्या को धोखाधड़ी के मामले में जवाब देना है। मोंटगोमरी ने दावा किया कि सीपीएस द्वारा भारत सरकार के निर्देश पर प्रस्तुत किए गए साक्ष्य नगण्य हैं और यह भारत सरकार की नाकामी है।
उन्होंने दावा किया, सरकार के पास इस तर्क के समर्थन में कोई भरोसेमंद मामला नहीं है कि माल्या द्वारा लिया गया कर्ज धोखाधड़ी था और उनका ऋण वापस करने का कोई इरादा नहीं था। उन्होंने कहा, ‘‘वास्तविकता यह है कि किसी विमानन कंपनी का मुनाफा आर्थिक पक्षों पर निर्भर करता है जो कि मुख्यत: चक्रीय होता है और यह कंपनी के नियंत्रण से बाहर होता है।’’
सीपीएस ने सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान माल्या पर तीन स्तर पर बेईमानी करने का आरोप लगाया। उसने कहा कि सबसे पहले बैंकों से ऋण लेने के लिए गलत प्रस्तुति की गई, उसके बाद धन का दुरुपयोग हुआ और अंत में बैंकों द्वारा ऋण वापस मांगे जाने पर भी गलत कदम उठाए गए।