हमशक्ल ने की थी डकैती, 17 साल जेल काटने वाले बेगुनाह ने मांगा मुआवजा

Edited By Tanuja,Updated: 03 Sep, 2018 02:27 PM

man demands compensation after spending 17 years in jail

हमशक्ल द्वार की डकैती के बाद 17 साल जेल की सजा काट कर 2017 में रिहा हुए शख्स रिचर्ड ऐंथनी जोन्स  ने अब बेवजह उसे जेल में रखने की एवज में अदालत से मुआवजे की मांग की है

न्यूयार्कः हमशक्ल द्वार की डकैती के बाद 17 साल जेल की सजा काट कर 2017 में रिहा हुए शख्स रिचर्ड ऐंथनी जोन्स  ने अब बेवजह उसे जेल में रखने की एवज में अदालत से मुआवजे की मांग की है। हमशक्ल की शक्ल  जोन्स से इतनी मिलती है कि कोई भी उनके बीच अंतर नहीं बता सकता । जिन चश्मदीदों की गवाही पर  जोन्स नाम  को सजा मिली थी, वे ऐंथनी और उसके हमशक्ल में अंतर नहीं कर पाए। अदालत ने माना कि हो सकता है हमशक्ल ने अपराध किया हो और सजा नाहक ऐंथनी को मिल गई। इसी आधार पर   अदालत ने एंथनी को रिहा कर दिया था। 

ऐंथनी को एक डकैती के मामले में दोषी मानते हुए 1999 में जेल की सजा सुनाई गई थी। उसे मिली सजा मुख्य तौर पर एक चश्मदीद द्वारा दी गई गवाही पर टिकी थी।  17 साल बाद इस मामले के 2 चश्मदीदों और यहां तक की डकैती के शिकार हुए पीड़ित ने भी अदालत के सामने यह बयान दिया कि वे ऐंथनी और उसके हमशक्ल के बीच फर्क नहीं कर सकते हैं। जिस इलाके में यह घटना हुई थी, वहां रिकी नाम का एक शख्स भी रहता था। खबरों के मुताबिक, रिकी और ऐंथनी की शक्ल एक-दूसरे से काफी मिलती-जुलती है। यह बात पहले ऐंथनी को पता नहीं थी। वह न केवल अदालती कार्यवाही के दौरान, बल्कि जेल की सजा काटते हुए भी लगातार खुद को निर्दोष ही बताते रहे। ऐंथनी ने कभी खुद पर लगे आरोपों को स्वीकार नहीं किया।

अब कुछ दिनों पहले जेल में बंद दूसरे कैदियों ने ऐंथनी को उनके हमशक्ल रिकी के बारे में बताया। हमशक्ल के बारे में पता चलने पर एंथनी ने दोबारा कोर्ट में अपील की।जब यह मामला खुला और गवाहों को फिर से दोषी की पहचान के लिए बुलाया गया, तो वे एंथनी और रिकी के बीच फर्क नहीं कर पाए। ऐंथनी ने कई बार अपनी सजा के खिलाफ अपील करने की कोशिश की थी। जेल में बंद साथी कैदियों ने ऐंथनी को रिकी के बारे में बताया था। उनकी जुबानी ही ऐंथनी को पता चला कि रिकी बिल्कुल उसके जैसा ही दिखता है।

ऐंथनी ने कानूनी सहायता देने वाले एक संगठन से संपर्क किया और उन्हें अपने हमशक्ल के बारे में बताया। ऐंथनी द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर इस संगठन ने फिर से इस मामले में अपील की। जब दोबारा यह मामला शुरू हुआ, तब वकीलों को पता चला कि ऐंथनी का हमशक्ल रिकी जहां रहता था, वह जगह डकैती वाली जगह के पास ही थी। अदालत में ऐंथनी के वकीलों ने केस के दोनों चश्मदीदों और अभियोजन पक्ष के वकील के आगे ऐंथनी और रिकी की तस्वीर रखी और उन्हें दोनों को पहचानने के लिए कहा। चारों में से कोई भी ऐंथनी और रिकी में फर्क नहीं कर सका। चूंकि गवाह दोनों की सही-सही पहचान नहीं कर सके, इसीलिए जज ने ऐंथनी को रिहा किए जाने का आदेश दिया।

पहचान नहीं होने के कारण रिकी को भी सजा नहीं दी गई। ऐंथनी को सजा सुनाए जाने का वाकया भी बेहद अजीबो-गरीब था। ड्रग्स के नशे में धुत्त एक चश्मदीद की गवाही पर पुलिस ने ऐंथनी के ऊपर डकैती का केस दर्ज कर दिया। इस गवाही के अलावा ऐंथनी के खिलाफ कोई सबूत नहीं था। अपने खिलाफ चली अदालती प्रक्रिया के दौरान भी ऐंथनी ने बार-बार खुद को निर्दोष बताया। 17 साल की जेल के दौरान भी वह खुद को बेगुनाह बताते रहे। 
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!