चीन में सुरक्षित नहीं मीडियाकर्मी, ऑस्ट्रेलिया के पत्रकार ने सुनाई अत्याचार की पूरी कहानी

Edited By vasudha,Updated: 21 Sep, 2020 03:58 PM

media workers not safe in china

बीजिंग में काम कर चुके ऑस्ट्रेलिया के एक पत्रकार ने दावा किया कि दो साल पहले चीन छोड़़ने से पहले कम्युनिस्ट देश ने उन्हें और उनकी 14 वर्षीय बेटी को हिरासत में लेने की धमकी दी थी। मैथ्यू कार्ने ने बताया कि उन्होंने अब तक 2018 की घटना का खुलासा नहीं...

इंटरनेशनल डेस्क: बीजिंग में काम कर चुके ऑस्ट्रेलिया के एक पत्रकार ने दावा किया कि दो साल पहले चीन छोड़़ने से पहले कम्युनिस्ट देश ने उन्हें और उनकी 14 वर्षीय बेटी को हिरासत में लेने की धमकी दी थी। मैथ्यू कार्ने ने बताया कि उन्होंने अब तक 2018 की घटना का खुलासा नहीं किया था क्योंकि चीन में ‘ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्ट कॉरपोरेशन' (एबीसी) के संचालन पर इसका नकारात्मक परिणाम  पड़ सकता था। सरकारी वित्तपोषित ‘एबीसी' और समाचार पत्र ‘ऑस्ट्रेलियन फाइनेंशियल रिव्यू' के लिए काम करने वाले दो पत्रकार भी दो सप्ताह पहले चीन से वापस लौट आए थे। इनके लौटने के बाद चीन में अब ऑस्ट्रेलिया का कोई पत्रकार नहीं है। 

 

कार्ने 2018 में ‘एबीसी' के चीन ब्यूरो के प्रमुख थे, जब ऑस्ट्रेलिया ने घरेलू राजनीति में विदेशी हस्तक्षेप को रेखांकित करते हुए कानून पारित किया था। उन्होंने कहा कि कानून आने के बाद से ही उन्हें धमकाना शुरू कर दिया। कार्ने ने ‘एबीसी रेडियो' को दिए साक्षात्कार में इस घटना का खुलासा किया। चीन ने अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। कार्ने ने बताया कि उनसे उनकी 14 वर्षीय बेटी यासमीन को बीजिंग सार्वजनिक सुरक्षा केन्द्र लाने को कहा गया था। एक महिला अधिकारी ने बताया था कि उनके तथा उनकी बेटी के खिलाफ ‘वीजा अपराध' के मामले में जांच चल रही है। कार्ने ने कहा कि उन्हें कहा गया कि आपकी बेटी 14 साल की है। वह चीनी कानूनी के तहत एक वयस्क है और चूंकि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना कानून का पालन करने वाला एक देश है, इसलिए उन पर वीजा अपराध का आरोप लगाया जाएगा।

 

कार्ने ने बताया कि महिला अधिकारी ने कहा था कि उनकी बेटी को ‘‘अन्य वयस्कों'' के साथ अज्ञात स्थान पर हिरासत में रखा जा सकता है। अगले ही दिन उनसे अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ चीन छोड़ने की पेशकश की गई लेकिन उन्होंने कहा कि जांच चलने तक वह देश नहीं छोड़ सकते। अधिकारी ने बताया कि उनका वीजा कुछ दिनों में खत्म हो रहा है और उन्हें हिरासत में भी रखा जा सकता है। 

 

कार्ने ने बताया कि ऑस्ट्रेलियाई दूतावास और ‘एबीसी' के साथ परामर्श के बाद उन्होंने ‘‘विचित्र वीजा उल्लंघन'' मामले में अपना गुनाह कबूल कर इस शर्त पर माफी मांगने का फैसला किया कि उनकी बेटी को उनके परिवार के साथ रहने दिया जाएगा। कार्ने ने बताया कि इसके थोड़े समय बाद एक खबर को लेकर एक चीनी महिला के उन पर मानहानि का मुकदमा करने की धमकी देने के बाद अचानक से उन्होंने चीन छोड़ने का निर्णय लिया। उनके कानूनी सलाहकार ने कहा था कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू होने के बाद उन्हें देश नहीं छोड़ने दिया जाएगा। 

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