अल्पाइन ग्लेशियर पिघला तो निकाली ‘अंतिम यात्रा', विश्व को खतरे की दी चेतावनी

Edited By Tanuja,Updated: 23 Sep, 2019 03:11 PM

melting glaciers is threat to global climate change

स्विट्जरलैंड में एक अल्पाइन हिमनद (ग्लेशियर) के पिघल जाने पर जलवायु परिवर्तन को लेकर बढ़ रहे खतरों ...

इंटरनेशनल डेस्कः स्विट्जरलैंड में एक अल्पाइन हिमनद (ग्लेशियर) के पिघल जाने पर जलवायु परिवर्तन को लेकर बढ़ रहे खतरों के बारे में विश्व समुदाय को आगाह करने की कोशिश के तहत दर्जनों लोगों ने काले कपड़े पहनकर ‘अंतिम यात्रा' निकाली। करीब 250 लोग दो घंटे की लंबी चढ़ाई के बाद पिजोल शिखर तक पहुंचे। पूर्वोत्तर स्विट्जरलैंड में, करीब 2,700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह जगह ऑस्ट्रिया की सीमा के नजदीक है और यहां तेजी से बर्फ पिघल रही है। हिमनद के विशेषज्ञ मैथियेस ह्यूस ने अपने भावुक संबोधन में कहा, ‘‘ हम यहां पिजोल को अलविदा कहने आए हैं।''
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बर्फ की परतें  तेजी से बह रही समुद्र की ओर
स्विस एसोसिएशन फॉर क्लाइमेट प्रोटेक्शन एलेसैंड्रा डेगियेकोमी ने इस कार्यक्रम से पहले कहा, ‘‘ पिजोल इतना ज्यादा पिघल चुका है कि वैज्ञानिक संदर्भ में वह अब हिमनद नहीं रह गया है।'' रविवार का यह मार्च ऐसे समय में हुआ जब संयुक्त राष्ट्र में युवा पर्यावरण कार्यकर्ताओं और विश्व के नेताओं की जलवायु परिवर्तन पर बैठक चल रही है। बता दें कि अंटार्कटिक क्षेत्र में हिमनदों के पिघलने के कारण निकलने वाला पानी बर्फ से होकर बह रहा है और इसके कारण महाद्वीप की बर्फ की परतें भी तेजी से समुद्र की ओर बह रही हैं।

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ग्लेशियरों का पानी औसत की तुलना में 100 फीसदी अधिक तेज
जर्नल नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित शोध के मुताबिक, पहली बार शोधकर्ताओं ने पाया कि सतह पर बर्फ के पिघलने का असर अंटार्कटिक में हिमनदों के बहाव पर भी पड़ता है। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ शेफील्ड के शोधकर्ता भी इस शोध में शामिल हैं। उन्होंने उपग्रहों से डेटा और तस्वीरों का विश्लेषण किया। उन्होंने क्षेत्रीय जलवायु मॉडल को भी देखा और पाया कि बर्फ के पिघलने से कुछ हिमनदों का पानी औसत की तुलना में 100 फीसदी अधिक तेजी से बह रहा है।

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अंटार्कटिक के तापमान में लगातार वृद्धि खतरा
शोध में, अंटार्कटिक प्रायद्वीप में बर्फ के पिघलने और हिमनदों के बहाव के बीच संबंध का पता चला है। शोधकर्ता कहते हैं कि सतह की बर्फ पिघलती है और यह पानी हिमनदों की निचली सतह में चला जाता है। इससे हिमनदों का बहाव तेज हो जाता है। अंटार्कटिक क्षेत्र में तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है जोखतरे की निशानी है। इससे सतह की बर्फ तेजी से पिघल रही है और कहीं कहीं पर बड़े हिस्से में सतह पिघलने लगती है। शोध के मुताबिक, हिमनदों के पिघलने, उनके समुद्र की ओर तेजी से बढ़ने और इसकी गति तय करने में अंटार्कटिक का तापमान काफी महत्वपूर्ण है।

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