Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Jul, 2017 05:31 PM
चीन के पश्चिमी शहर काशगर में अब मुस्लिमों को मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए जाने से पहले मैटल डिटैक्टर के सामने से गुजरना होगा...
काशगरः चीन के पश्चिमी शहर काशगर में अब मुस्लिमों को मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए जाने से पहले मैटल डिटैक्टर के सामने से गुजरना होगा। यह शिनजियांग प्रांत की उइगर मुस्लिम आबादी पर चीन की कम्युनिस्ट सरकार की तरफ से लागू नई व्यवस्था है। इससे पहले इस मुस्लिम बहुल प्रांत में दाढ़ी रखने और खुले में नमाज पढ़ने पर रोक है।
कुछ साल पहले तक काशगर की सैंट्रल मस्जिद के बाहर का चौक भी नमाजियों से भरा होता था। ईद के मौके पर मुस्लिम एकत्रित होकर यहां नमाज पढ़ा करते थे, लेकिन अब हालात बदल गए हैं। इस बार ईद के मौके पर हॉल के बाहर एक भी आदमी दिखाई नहीं दिया। मस्जिद में नमाज के लिए दशकों बाद सबसे कम भीड़ आई। पता चला कि प्रशासन की ओर से मस्जिद आने वाले रास्ते पर कई जगह चेक प्वाइंट बना दिए गए थे।
वहां पर आने वालों को रोककर तलाशी ली जा रही थी और कई सवाल पूछे जा रहे थे। उनके वाहन भी खड़े कराए जा रहे थे। इससे परेशान होकर लोगों ने मस्जिद न आना ही बेहतर समझा। इस बारे में जब काशगर के प्रशासन से बात की गई तो किसी अधिकारी ने कुछ नहीं कहा। शहर के एक व्यापारी ने कहा कि यह शहर अब धार्मिक गतिविधियों के लिए अच्छा नहीं रहा। चीन सरकार कहती है कि ऐसे कड़े इंतजाम इस्लामी कट्टरपन को रोकने और अलगाववाद को ताकत न मिलने देने के लिए किए जा रहे हैं।
लेकिन विश्लेषक मानते हैं कि उइगर बहुल शिनजियांग प्रांत अब खुली जेल की तरह हो गया है। यहां पर लोग रहते घरों में हैं और खुले आकाश के नीचे सांस लेते हैं लेकिन उन्हें हर काम पुलिस और सुरक्षा बलों की बंदिशों के बीच करना होता है। ऑस्ट्रेलिया की ला ट्रोब यूनिवर्सिटी के चीन मामलों के विशेषज्ञ जेम्स लीबोल्ड कहते हैं कि चीन अप्रत्याशित ढंग से शिनजियांग में पुलिस राज चला रहा है। चीन सरकार ने प्रांत में कड़ाई की शुरुआत सन 2009 में उरुमकी शहर में हुए दंगों के बाद की जिसमें 200 लोग मारे गए थे।