Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Feb, 2018 11:22 AM
मैक्सिको की झीलों में मैक्सिकन एक्सोलॉटल नामक एक एेसा अनोखा जीव पाया जाता है जो पानी के अलावा ज़मीन पर भी रह सकने में सक्षम है ।देखने में यह छिपकली जैसा होता है।
मैक्सिको: मैक्सिको की झीलों में मैक्सिकन एक्सोलॉटल नामक एक एेसा अनोखा जीव पाया जाता है जो पानी के अलावा ज़मीन पर भी रह सकने में सक्षम है ।देखने में यह छिपकली जैसा होता है। इसकी खासियत है कि ये अपने अंगों के नष्ट हो जाने के बाद उन्हें दोबारा उगाने की असाधारण ताक़त रखता है। अगर इस का कोई भी अंग नष्ट हो जाए जिसमें हड्डी, नस या मांस किसी से भी जुड़े अंग शामिल हैं, ये उनको फिर से उसी जगह पर उगाने में सक्षम होता है। वैज्ञानिकों का तो यहां तक कहना है कि एक्सोलॉटल अपनी रीढ़ की हड्डी में लगी चोट को भी सही कर सकता है।
यहां तक कि अगर वो सिर्फ चोटिल है पर टूटी नहीं है तो ये सामान्य तरह से काम करता रहता है। जब ये अपनी चोटों को ठीक करता है तो घाव का निशान भी नहीं रह जाता। यह दूसरे ऊतकों, मसलन रेटिना को सिर्फ रिपेयर ही नहीं पूरी तरह ठीक कर लेता है। इसके इसी कमाल को देख कर वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि एक दिन इसके जीन का अध्ययन पूरा होने पर मनुष्य के पुर्नजन्म को लेकर कई राज खुल जाएगे और वो लंबे समय तक जी सकेगा।
फिल्हाल इस जीव पर विलुप्त होने का ख़तरा मंडरा रहा है। वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि यह जीव आसानी से प्रजनन कर सकता है, लेकिन पता नहीं क्यों ऐसा हो नहीं रहा। 150 सालों से वैज्ञानिक एक्सोलॉटल को और उसकी मदद से मानवीय जीवन को भी सुविधाजनक बनाने पर काम कर रहे हैं और इसकी असाधारण जैविक क्रियाओं का पता लगा रहे हैं।
इस बीच वैज्ञानिकों के एक दल ने दावा किया है कि उन्होंने एक्सोलॉटल से जुड़ा एक और रहस्य जान लिया है। इसमें मनुष्य से भी बड़ा जीन समूह जिसे जीनोम कहते हैं मौजूद है। उन्होने बताया कि एक्सोलॉटल में 32 हज़ार मिलियन डीएनए की मूल जोड़िया हैं जो मनुष्य के तुलना में दस गुना ज़्यादा हैं और ये खोज अंगों के पुनर्जन्म पर गहराई से अध्ययन करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।