गिलगित-बाल्टिस्तान में अल्पसंख्यकों को भी चुनाव लड़ने का अधिकार मिले : इसरार उदीन

Edited By Tanuja,Updated: 08 Oct, 2020 01:24 PM

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इस साल 15 नवंबर को गिलगित बाल्टिस्तान (जीबी) में विधानसभा के चुनाव होने हैं। यहां 7 लाख से अधिक मुस्लिम मतदाता अपने उम्मीदवारों के पक्ष में ..

पेशावरः इस साल 15 नवंबर को गिलगित बाल्टिस्तान (जीबी) में विधानसभा के चुनाव होने हैं। यहां 7 लाख से अधिक मुस्लिम मतदाता अपने उम्मीदवारों के पक्ष में अपना वोट डालेंगे, लेकिन ईसाई, सिख और अन्य अल्पसंख्यक जो कि बहुत पहले से गिलगित बाल्टिस्तान में रह रहे हैं, यहां उम्मीदवारों के रूप में ये चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। हालांकि 2015 के बाद गिलगित बाल्टिस्तान में पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान, इन अल्पसंख्यकों को गिलगित बाल्टिस्तान के स्थानीय निकायों में संशोधन के बाद स्थानीय निकायों के चुनाव लड़ने का अधिकार दिया गया था।

 

मानवाधिकार कार्यकर्ता और पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग के समन्वयक इसरार उदिन ने कहा कि गिलगित बाल्टिस्तान में 500 से अधिक ईसाई, सिख और अन्य अल्पसंख्यक रह रहे थे लेकिन वे अभी भीगिलगित बाल्टिस्तान में आम चुनाव में उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के अपने अधिकार से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि हमारे संविधान ने स्पष्ट रूप से उन्हें राजनीतिक अधिकारों की गारंटी दी है, लेकिन वे इन चुनावों में अपने उम्मीदवार नहीं चुन सकते। इसरार ने कहा कि यह पाकिस्तान के संविधान का उल्लंघन हैं क्योंकि हम अपने ही लोगों को उनके राजनीतिक अधिकारों से वंचित कर रहे हैं।

 

उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाएंगे। उन्होंने बताया कि 2016 में पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग की दिवंगत अध्यक्षा अस्मा जांगेकर की देखरेख में एक समिति का गठन किया गया था जिसने नीतिगत स्तर पर अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए अपनी सिफारिशें आगे बढ़ाई थीं। इसरार अहमद ने आगे कहा कि जल्द ही वह अपनी सिफारिशें उच्च अधिकारियों को भेजेंगे।

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