पाक-इंडोनेशिया में नहीं माने मुस्लिमः रमजान में लॉकडाउन तोड़ मस्जिदों में अदा की नमाज

Edited By Tanuja,Updated: 26 Apr, 2020 01:46 PM

muslims attend packed ramadan prayers despite corona outbreak

कोरोना वायरस महासंकट के बीच रमजान माह शुरू होते ही पूरी दुनिया में लॉकडाउन के तहत घर पर ही इबादत की गई। लेकिन इंडोनेशिया और ...

इंटरनेशनल डेस्कः कोरोना वायरस महासंकट के बीच रमजान माह शुरू होते ही पूरी दुनिया में लॉकडाउन के तहत घर पर ही इबादत की गई। लेकिन इंडोनेशिया और पाकिस्तान के मुसलमानों ने नियमों की जमकर धज्जियां उड़ानी शुरू कर दीं। रमजान की शुरुआत में पाकिस्तान में लॉकडाउन तोड़कर मस्जिदें खुलवाकर नमाज अदा की गई।

 

इसके अलावा इंडोनेशिया के अचे प्रांत में सैकड़ों लोग मस्जिद पहुंचे और जुुमे की नमाज अदा की। इस दौरान हालांकि ज्यादातर लोग मास्क लगाए थे लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं हालांकि लॉकडाउन के तहत रमजान में लोग दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ इफ्तार से बच रहे हैं। मलेशिया, बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी स्वास्थ्य संगठनों ने इस्लामी सभाओं और रमजान की कुछ गतिविधियों पर रोक लगाने की अपील की है।पाकिस्तान में पीआईएमए के अध्यक्ष डॉ. इफ्तिखार बर्नी ने शनिवार को चेतावनी दी कि मस्जिदें वायरस को फैलाने का प्रमुख स्रोत बन रही हैं। उन्‍होंने कहा, 'कोरोन वायरस के लगभग 6,000 मामले एक महीने में सामने आए लेकिन पिछले छह दिनों में यह दोगुना हो गए हैं।' साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि संक्रमण मई और जून के आने वाले महीनों में और बढ़ेगा।

 

खबर हैं कि रमज़ान के दौरान मस्जिदों तक लोगों की पहुंच को प्रतिबंधित करने पर पाक राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के साथ प्रमुख मौलवियों द्वारा हस्ताक्षरित 20-बिंदु समझौते का पूरी तरह से पालन नहीं किया जा रहा है। ऐसे में अल्वी ने मस्जिदों के इमामों को एक पत्र लिखा है, जिसमें उनसे 50 वर्ष से अधिक उम्र के नमाजियों को घर पर प्रार्थना करने के लिए कहने का आग्रह किया गया है। उन्होंने बताया कि समझौते में निर्धारित एसओपी के बिंदु संख्या छह में कहा गया है कि 50 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को मस्जिद में नमाज अदा करने से बचना चाहिए।

 

इधर, इंडोनेशिया की गृहिणी फितरिया फमेला ने कहा, यह रमजान बहुत अलग है, यह उत्सव जैसा नहीं है। उन्होंने कहा, मैं निराश हूं कि मैं मस्जिद नहीं जा सकी, हम क्या कर सकते हैं? दुनिया अब अलग है। मौलाना मोहम्मद शुकरी ने कहा- जिंदगी में पहली बार मैं मस्जिद नहीं जा पाया। लेकिन नियमों का पालन जरूरी है।इंडोनेशिया में कोरोना का खतरा बढ़ने की आशंका है क्योंकि रमजान के अंत तक लाखों लोग अपने गृह नगर और गांवों की यात्रा करते हैं। इस आशंका के चलते 26 करोड़ लोगों की आबादी वाले देश में राष्ट्रपति जोको विडोडो को इस पलायन प्रतिबंध लगाने पर मजबूर होना पड़ा। इसके बावजूद कई लोग जाने को तैयार हैं।

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