Edited By Tanuja,Updated: 20 Feb, 2021 02:16 PM
म्यांमार में सेना द्वारा एक फरवरी को किए तख्तापलट के बाद हालात लगातार बिगड़तो जा रहे हैं। आंग सान सू ची समेत कई प्रमुख नेताओं को हिरासत में लेने के खिलाफ जहां लोग सड़कों पर उतर आए...
लंदनः म्यांमार में सेना द्वारा एक फरवरी को किए तख्तापलट के बाद हालात लगातार बिगड़तो जा रहे हैं। आंग सान सू ची समेत कई प्रमुख नेताओं को हिरासत में लेने के खिलाफ जहां लोग सड़कों पर उतर आए हैं वहीं विदेशों में भी विरोध तेज हो गया है। म्यांमार तख्तापलट के बाद यूके और कनाडा ने वहां के जनरलों पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप में प्रतिबंध लगा दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन ने कहा कि वह तीन जनरलों की संपत्ति जमा करने के साथ- साथ उनकी यात्रा पर प्रतिबंध लगाएगा जबकि कनाडा ने कहा कि वह 9 सैन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।
ब्रिटिश विदेश मंत्री डॉमिनिक रैब ने बताया कि वह अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर म्यांमार के लोगों को न्याय दिलाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। बता दें कि इससे पहले ब्रिटेन ने इससे पहले रोहिंग्या और अन्य जातीय अल्पसंख्यक समूहों पर मानवाधिकारों के हनन पर सैन्य नेता मिन आंग पर प्रतिबंध लगाए थे।
बता दें कि म्यांमार में सेना ने एक फरवरी को तख्तापलट करते हुए आंग सान सू ची समेत कई प्रमुख नेताओं को हिरासत में ले लिया। तख्तापलट के खिलाफ कई शहरों में लोग विभिन्न प्रतिबंधों के बावजूद प्रदर्शन करने निकले। इस दौरान एक महिला की मौत हो गई म्यांमार में सेना के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में किसी प्रदर्शनकारी की यह पहली मौत है।
प्रदर्शनकारी के भाई ये ह्तुत आंग ने कहा कि शुक्रवार को सुबह 11 बजकर पांच मिनट पर उन्होंने आखिरी सांस ली। नेपीतॉ में 1,000 बिस्तरों वाले जनरल हॉस्पिटल में एक सूत्र ने प्रदर्शनकारी युवती की मौत की पुष्टि की। सत्तारूढ़ सैन्य सरकार के प्रवक्ता ने इस सप्ताह संवाददाता सम्मेलन में 19 वर्षीय युवती की मौत की बात से इनकार नहीं किया। एपी सुरभि शाहिद