म्यांमार में प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग में 5 की मौत, UN में भारत ने उठाई तख्तापलट के खिलाफ आवाज

Edited By Tanuja,Updated: 28 Feb, 2021 03:57 PM

myanmar police crank up pressure on protests

म्यांमार में इस महीने की शुरूआत में हुए सैन्य तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने अपनी कार्रवाई बढ़ा दी है। देश के दो बड़े शहरों एवं अन्य स्थानों पर प्रदर्शनकारियों के जमा होने से पहले ही वहां पुलिसकर्मी...

यांगूनः  म्यांमार में  एक फरवरी को हुए सैन्य तख्तापलट की घटना के बाद कई अन्य शहरों में भी बड़े स्तर पर प्रदर्शन हो रहे हैं। सैन्य तख्तापलट के बाद सुरक्षा बलों ने बड़ी संख्या में लोगों को गिरफ्तार किया है ।  विरोध प्रदर्शनों को समाप्त कराने के लिए  पुलिस ने राजधानी में आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारें कीं। पुलिस ने म्यांमार के सबसे बड़े शहर यांगून में गोलियां चलाईं और प्रदर्शनकारियों को सड़कों से उठाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे तथा पानी की बौछारें छोड़ीं। रविवार को  पुलिस  फायरिंग  में कम से कम चार लोग मारे गए  और कई लोगों  घायल हो गए। वहीं यंगून में शिक्षकों  के विरोध प्रदर्शन दौरान एक महिला की मौत हो गई है।   प्रदर्शनकारी देश की नेता आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार को सत्ता सौंपने की मांग कर रहे हैं। 

 

म्यांमार में इस महीने की शुरूआत में हुए सैन्य तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने अपनी कार्रवाई बढ़ा दी है। देश के दो बड़े शहरों एवं अन्य स्थानों पर प्रदर्शनकारियों के जमा होने से पहले ही वहां पुलिसकर्मी तैनात कर दिये गये। कुछ इलाकों में प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग करने में और गिरफ्तारियां करने में सुरक्षा बल कहीं अधिक आक्रामक नजर आएं। पहले की तुलना में कहीं अधिक संख्या में सादी वर्दी में पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया।

 

सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरों से प्रदर्शित होता है कि यांगून और मोनयवा में लोगों ने पुलिस को अपनी ओर आने से रोकने की कोशिश के तहत सड़कों पर अवरोधक लगा दिये। म्यांमा के दो बड़े शहरों यांगून और मंडाले में शनिवार को प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। आंग सान सू ची की सरकार बहाल करने की मांग को लेकर वहां प्रतिदिन सड़कों पर शांतिपर्ण प्रदर्शन हो रहे हैं। सू ची की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी ने पिछले चुनावों में शानदार जीत दर्ज की थी। पुलिस म्यांमा के सैन्य शासन द्वारा जारी लोगों के एकत्र होने पर रोक लगाने वाले आदेश को लागू करने की पूरी कोशिश कर रही है। इस आदेश के तहत पांच या इससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी है।

 

देश में स्वतंत्र संस्था ‘असिसटेंस एसोसिएशन ऑफ पॉलिटीकल प्रिजनर्स' के मुताबिक शुक्रवार तक 771 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, शुक्रवार को कम से कम तीन लोग गोलियां लगने से घायल हो गये, जिनमें से से दो को रबर की गोलियां लगी थी।  म्यांमार के राजदूत ने देश की सेना की अवहेलना करते हुए शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा से सैन्य तख्तापलट को खत्म करने में मदद के लिए तत्काल अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की गुहार लगाई है।

 

बता दें कि केएम तुन बेदखल कर दी गई असैन्य सरकार के प्रति वफादार रहे। उन्होंने कहा कि वह एनएलडी नीत असैन्य सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा में तुन ने तख्तापलट की निंदा की और सभी सदस्य राष्ट्रों और संयुक्त राष्ट्र से अपील की कि वे सैन्य तख्तापलट की निंदा करें और सैन्य शासन को किसी भी माध्यम से मान्यता न दें। भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में कहा कि म्यांमार में लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल करना सभी हितधारकों की प्राथमिकता होनी चाहिए और हिरासत में लिए गए नेताओं को रिहा किया जाना चाहिए। इसके साथ ही भारत ने दक्षिण पूर्व एशियाई देश के नेतृत्व से शांतिपूर्ण और रचनात्मक तरीके से अपने मतभेदों को हल करने के लिए मिलजुलकर काम करने का आह्वान किया। 

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