US दे सकता है भारत को तालिबान काे तबाह करने वाली मिसाइल टैक्नोलॉजी

Edited By ,Updated: 06 Jun, 2016 09:38 AM

narendra modi s us tour

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पांच देशों की यात्रा के दौरान तीसरे चरण में आज स्विट्जरलैंड पहुंच गए हैं। मोदी ने अपने दौरे की शुरुआत अफगानिस्तान से की थी जिसके बाद वह कतर गए थे।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पांच देशों की यात्रा के दौरान तीसरे चरण में आज स्विट्जरलैंड पहुंच गए हैं। मोदी ने अपने दौरे की शुरुआत अफगानिस्तान से की थी जिसके बाद वह कतर गए थे। अपने इस दौरे के तहत मोदी आज रात अमेरिका रवाना होंगे। उनकी US विजिट में कई अहम समझौते हो सकते हैं।
 

भारत को मिसाइल टैक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (MTCR) में एंट्री मिल सकती है। इसके चलते भारत दूसरे देशों को अपनी मिसाइल टैक्नोलॉजी दे सकेगा और अमेरिका से प्रीडेटर ड्रोन्स खरीद सकेगा। बता दें कि इसी प्रीडेटर ड्रोन्स मिसाइल टैक्नोलॉजी ने अफगानिस्तान में तालिबान के ठिकानों को तबाह किया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी के अमेरिका में रहने के दौरान 7 या 8 जून को MTCR में शामिल किए जाने का ऐलान हो सकता है। भारत ने पिछले साल MTCR की मेंबरशिप के लिए अप्लाई किया था लेकिन कुछ देशों ने इसका विरोध किया था।MTCR में मेंबरशिप को लेकर ओबामा एडमिनिस्ट्रेशन भारत के जबरदस्त सपोर्ट में है। इसके अलावा अमेरिका, भारत को 3 अन्य एक्सपोर्ट कंट्रोल रिजीम (ग्रुप) में एंट्री दिलाना चाहता है। ये तीन ग्रुप 'न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (NSG)', 'ऑस्ट्रेलिया ग्रुप' और 'वैसेनार अरेंजमेंट' हैं।

बता दें कि ऑस्ट्रेलिया ग्रुप केमिकल वेपन्स और वैसेनार अरेंजमेंट- छोटे हथियारों वाला ग्रुप है।12 मई को भारत ने 48-सदस्यीय NSG में मेंबरशिप के लिए अप्लाई किया था। चीन और पाकिस्तान, भारत की NSG में एंट्री का विरोध कर रहे हैं।

क्या होगा फायदा
-भारत को दुनिया की बेहतरीन टैक्नोलॉजी हासिल करने के लिए एक्सेस मिल जाएगा।
-भारत का मकसद MTCR की सितंबर-अक्तूबर में होने वाली प्लेनरी में मेंबरशिप हासिल करना है।
-MTCR के चेयरमैन रोनाल्ड वीज अगले महीने भारत के दौरे पर भी आ सकते हैं।
-पिछले कुछ सालों में कई देशों ने भारत के MTCR में आने का सपोर्ट किया है।
-भारत का दावा इसलिए भी मजबूत कहा जा रहा है क्योंकि उसने कभी भी अपने मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम में MTCR गाइडलाइन के अलग जाकर काम नहीं किया।


क्या है MTCR
- MTCR की स्थापना 1987 में हुई थी। शुरुआत में इसमें G-7 देश- अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, जापान, इटली, फ्रांस और ब्रिटेन शामिल थे। चीन MTCR का मेंबर नहीं है लेकिन उसने इसकी गाइडलाइन मानने पर सहमति जताई है।
-इसका मकसद बैलिस्टिक मिसाइल के बेचने की लिमिटेशन तय करना है।
-इस ग्रुप में 34 देश शामिल हैं।
-MTCR मुख्य रूप से 500 kg पेलोड ले जाने वाली और 300 किमी तक मार करने वाली मिसाइल और अनमैन्ड एरियल व्हीकल टैक्नोलॉजी (ड्रोन) के खरीदे-बेचे जाने पर कंट्रोल रखता है।

बता दें मोदी जब मार्च में न्यूक्लियर समिट के लिए अमेरिका गए थे तो ओबामा ने उन्हें बायलैटरल विजिट के लिए न्यौता दिया था। मोदी अमेरिकी कांग्रेस के ज्वाइंट सैशन को भी एड्रेस करेंगे।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!