भारतीय सेना प्रमुख नरवणे ने भारत-पाकिस्तान युद्ध के नायक छेत्री को 5 लाख रुपए प्रदान किए

Edited By Pardeep,Updated: 06 Nov, 2020 10:10 PM

narwane provided 5 lakh rupees to nepal for 1971 indo pakistan war hero chhetri

भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने 70 वर्षीय लांस हवलदार (सेवानिवृत्त) दिल बहादुर छेत्री को शुक्रवार को पांच लाख रुपए की शेष राशि प्रदान की। छेत्री को 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान बहादुरी का प्रदर्शन करने के लिए भारत के दूसरे सबसे बड़े...

काठमांडूः भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने 70 वर्षीय लांस हवलदार (सेवानिवृत्त) दिल बहादुर छेत्री को शुक्रवार को पांच लाख रुपए की शेष राशि प्रदान की। छेत्री को 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान बहादुरी का प्रदर्शन करने के लिए भारत के दूसरे सबसे बड़े वीरता पुरस्कार महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था। राइफलमैन छेत्री भारतीय सेना के गोरखा राइफल्स (फ्रंटियर फोर्स) के साथ थे। उन्हें उनकी बहादुरी और साहसिक कार्य के लिए जाना जाता है। 

नेपाल के मट्टा डांग जिले में 21 अगस्त 1950 को जन्मे छेत्री 21 अगस्त, 1968 को भारतीय सेना में शामिल हुए थे। पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में उनकी बटालियन बांग्लादेश में सिलहट की ओर थी। उनकी बटालियन को एतग्राम में दुश्मन की मीडियम मशीन गन (एमएमजी) चौकी को नियंत्रण में लेने का विशिष्ट कार्य दिया गया था। 

राइफलमैन छेत्री अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा की परवाह किए बिना निडर होकर लडे़ और बंकर पर हमला बोलते हुए अपनी खुखरी (एक प्रकार का हथियार) से आठ दुश्मन सैनिकों को मार डाला और एमएमजी चौकी पर कब्जा कर लिया। उनकी वीरता और कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था। उन्होंने पेंशन योग्य सेवा तक पहुंचने से पहले ही कुछ व्यक्तिगत कारणों से सेवा छोड़ दी थी।

उन्हें आठ अप्रैल, 1976 को सेवा से मुक्त किया गया था। वह तब से, नेपाल में बांके जिले के एक दूरस्थ गांव में बेहद सामान्य जीवन जी रहे हैं। सेवा छोड़ने के बाद उनका जीवन कठिनाइयों से घिर गया क्योंकि उनके पास आय का कोई बड़ा स्रोत नहीं था और वे अपने वीरता पुरस्कार भत्ते पर निर्भर थे। छेत्री के अंतर्मुखी स्वभाव के कारण, उनकी स्थिति कभी उजागर नहीं हुई। 

भारतीय अधिकारियों ने कहा कि हालांकि, उनका मामला हाल ही में तब सामने आया जब उनकी इकाई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने डिफेंस विंग को सूचित किया। अधिकारियों ने बताया कि उनसे संपर्क किया गया और उनके बुढ़ापे में उनके सामने आने वाली कठिनाइयों को कम करने के लिए कुल 10 लाख रुपए की राशि कल्याणकारी उपाय के रूप में मंजूर की गई। 21 नवंबर, 2019 को नेपाल के बुटवल में भूतपूर्व सैनिकों की एक रैली के दौरान, उन्हें पहली किश्त के रूप में पांच लाख रुपए का चेक दिया गया था। जनरल नरवणे ने अपनी नेपाल यात्रा के दौरान शुक्रवार को पांच लाख रुपए की शेष राशि उन्हें सौंपी। 

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