Edited By Seema Sharma,Updated: 03 Oct, 2019 09:29 AM
अमरीका की अंतरिक्ष एजैंसी नासा चंद्रमा पर मानव मिशन की तैयारी कर रही है। यह बिल्कुल अलग तरह का मिशन है। चांद की कक्षा में एक गेटवे तैयार किया जा रहा है। आर्टमिस नामक इस मिशन के तहत कई उड़ानें होंगी। मानव रहित पहली परीक्षण उड़ान आर्टमिस-एक अगले
न्यूयॉर्क : अमरीका की अंतरिक्ष एजैंसी नासा चंद्रमा पर मानव मिशन की तैयारी कर रही है। यह बिल्कुल अलग तरह का मिशन है। चांद की कक्षा में एक गेटवे तैयार किया जा रहा है। आर्टमिस नामक इस मिशन के तहत कई उड़ानें होंगी। मानव रहित पहली परीक्षण उड़ान आर्टमिस-एक अगले साल ही होगी। उसके बाद चांद की कक्षा तक मानव उड़ान 2022 में होगी और 2024 में नासा अपने अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर उतारेगा। इस अभियान के तहत उसने लोगों से चांद के बारे में सवाल करने के लिए आस्क टू नासा अभियान शुरू किया है।
इंसान के बहुत से प्रयोगों का गवाह बनेगा चांद
21वीं सदी में इंसान चांद की सतह पर न सिर्फ पहली बार कदम रखेगा, बल्कि इस बार चांद पर रहकर बहुत से प्रयोग भी किए जाएंगे। एक विशाल कार्गो कैप्सूल से अनेक तरह के उपकरण चांद पर भेजे जाएंगे।
‘हम चांद पर पानी से ऑक्सीजन बनाएंगे’
नासा के चीफ साइंटिस्ट जिम ग्रीन के अनुसार हम चांद पर इसलिए जा रहे हैं, क्योंकि वहां पानी है। यह जिंदगी है। इस सवाल पर कि चांद के पानी का कैसे इस्तेमाल किया जाएगा, ग्रीन ने बताया कि यह पीने के काम आएगा, ऑक्सीजन बनाने के काम आएगा। इंसान वहां रह सकता है। इसलिए अभियान के लिए चांद के दक्षिण ध्रुव को चुना गया है। चांद पर किस तकनीक का इस्तेमाल कि या जाएगा तो उन्होंने कहा कि इस बार एक नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। गेटवे के जरिए पहले अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा की कक्षा में ओरियन पर डॉक करेंगे। वहां से एक कैप्सूल से लैंडिंग करेंगे और फिर धरती पर वापस आएंगे।