Edited By Tanuja,Updated: 21 Nov, 2019 01:28 PM
ब्रह्मांड हमेशा से अंतरिक्ष विज्ञानियों के लिए जिज्ञासा का विषय रहा है। दुनियाभर के वैज्ञानिक निरंतर नई खोजों के आधार पर इनके रहस्यों पर से पर्दा
न्यूयार्कः ब्रह्मांड हमेशा से अंतरिक्ष विज्ञानियों के लिए जिज्ञासा का विषय रहा है। दुनियाभर के वैज्ञानिक निरंतर नई खोजों के आधार पर इनके रहस्यों पर से पर्दा उठाने में प्रयासरत हैं। इसी कड़ी में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। अध्ययन के आधार पर नासा ने पहली बार इस बात की पुष्टि की है कि बृहस्पति के चांद यूरोपा की सतह के ऊपर जलवाष्प मौजूद है। यह एक ऐसी खोज है, जो इस बात का समर्थन करती है कि बृहस्पति के चांद की मीलो मोटी बर्फ की परत के नीचे पानी की तरल अवस्था में महासागर मौजूद है। यह अध्ययन नेचर एस्ट्रोनॉमी नामक जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
अमेरिका के हवाई स्थित डब्ल्यू.एम. केक ऑब्जर्वेटरी में यूरोपा पर मौजूद जलवाष्प को मापा गया है। गौरतलब है कि नासा पृथ्वी से बाहर जीवन की खोज में प्रयासरत है। इस क्रम में जारी बाहरी सौरमंडल से जुड़े अभियानों के क्रम में नासा के वैज्ञानिकों ने यूरोपा के बारे में काफी जानकारी एकत्र कर ली है। इससे अब यह जीवन की खोज अभियान में नासा के लिए उच्च प्राथमिकता वाला लक्ष्य बन गया है।
अमेरिका में नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के शोधकर्ताओं का कहना है कि जीवन की संभावना ही इस चांद को इतना आकर्षक बनाती है। यहां जीवन के लिए आवश्यक सभी चीजें मौजूद हो सकती हैं। वैज्ञानिकों के पास इस बात का सुबूत है कि इन आवश्यक चीजों में से एक (तरल अवस्था में जल) इसकी बर्फीली सतह के नीचे मौजूद है और कभी-कभी यह अंतरिक्ष में विशाल गीजर के रूप में जा सकता है।