Edited By vasudha,Updated: 11 Oct, 2019 01:45 PM
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने उस रहस्यमय क्षेत्र को जानने-समझने के लिए वीरवार रात एक उपग्रह का प्रक्षेपण किया जहां हवा अंतरिक्ष से मिलती है उपग्रह ‘आइनोस्फेयरिक कनेक्शन एक्सप्लोरर'' (आइकन) को दो साल के विलंब के बाद कक्षा में भेजा गया...
इंटरनेशन डेस्क: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने उस रहस्यमय क्षेत्र को जानने-समझने के लिए वीरवार रात एक उपग्रह का प्रक्षेपण किया जहां हवा अंतरिक्ष से मिलती है उपग्रह ‘आइनोस्फेयरिक कनेक्शन एक्सप्लोरर' (आइकन) को दो साल के विलंब के बाद कक्षा में भेजा गया। फ्लोरिडा तट के पास अटलांटिक के ऊपर एक विमान से इस उपग्रह को प्रक्षेपित किया गया।
उपग्रह के प्रक्षेपण के पांच सेकेंड बाद उससे जुड़ा पेगासस रॉकेट प्रज्वलित हो गया जिसके बाद आइकन अपने मार्ग पर आगे बढ़ गया। आइयनोस्फेयर ऊपरी वातावरण का आवेशित (चार्ज्ड) हिस्सा है जिसका विस्तार कई किलोमीटर ऊपर तक है। यह हिस्सा निरंतर परिवर्तित होता रहता है क्योंकि अंतरिक्ष का मौसम ऊपर से और धरती का मौसम नीचे से इसे प्रभावित करता है। कई बार इससे रेडियो संचार बाधित हो जाते हैं।
नासा के हीलियोफिजिक्स विभाग की निदेशक निकोला फॉक्स ने कहा कि यह संरक्षित परत, हमारे वातावरण का ऊपरी हिस्सा है। यह अंतरिक्ष के साथ लगने वाली हमारी सीमा है। फॉक्स ने कहा कि इस क्षेत्र में सूर्य की वजह से कई घटनाएं हो रही हैं। चक्रवात, समुद्री तूफान और धरती पर घट रही प्रतिकूल मौसमी घटनाएं इसमें और इजाफा ही कर रही हैं। वैज्ञानिकों के पास जितनी ज्यादा जानकारी होगी, उतने बेहतर अंतरिक्ष यान बनाए जा सकेंगे और बेहतर पूर्वानुमान के साथ अंतरिक्ष यात्रियों को कक्षा में सुरक्षित रखा जा सकता है।