Edited By Anil dev,Updated: 25 Dec, 2020 12:27 PM
कोरोना गाइडलाइन के साथ बेथलेहम में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर मार्चिंग बैंड निकालकर शीर्ष कैथोलिक पादरी का स्वागत किया गया, लेकिन कोरोना वायरस के कारण वहां कुछ ही लोग मौजूद थे और कड़े लॉकडाउन के कारण यीशु के जन्मस्थल पर जश्न फीका रहा।
इंटरनेशनल डेस्क: कोरोना गाइडलाइन के साथ बेथलेहम में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर मार्चिंग बैंड निकालकर शीर्ष कैथोलिक पादरी का स्वागत किया गया, लेकिन कोरोना वायरस के कारण वहां कुछ ही लोग मौजूद थे और कड़े लॉकडाउन के कारण यीशु के जन्मस्थल पर जश्न फीका रहा। दुनियाभर में बृहस्पतिवार को नजारा ऐसा ही था जहां कोविड-19 की वजह से पारिवारिक कार्यक्रमों और प्रार्थनाओं में शामिल होने वाले लोगों की संख्या या तो सीमित कर दी गई या उन्हें रद्द कर दिया गया।
ऑस्ट्रेलिया में जहां लोगों को प्रार्थनाओं में शामिल होने के लिए ऑनलाइन टिकट बुक करनी पड़ी, वहीं फिलीपीन में बड़े स्तर पर प्रार्थना सभाएं प्रतिबंधित थीं और दूर के रिश्तेदारों के भी क्रिसमस की पूर्व संध्या पर रात्रिभोज में शामिल होने पर रोक थी। वहीं, इटली में चर्च बेल इस बार समय से पहले बजाई गईं। इटली सरकार के रात 10 बजे के कफ्र्यू की वजह से पादरियों को आधी रात को होने वाली प्रार्थना सभा बृहस्पतिवार शाम को ही करनी पड़ी। पोप फ्रांसिस ने पहले ही लोगों से कहा था कि कोविड-19 से लडऩे के लिए लोग अधिकारियों द्वारा उठाए गए कदमों का पालन करें।
इस साल, सेंट पीटर बेसिलिका में क्रिसमस की प्रार्थना रात साढ़े नौ बजे की बजाय शाम साढ़े सात बजे की गई। कोरोना वायरस का एक नया प्रकार (स्ट्रेन) सामने आने और उसके अधिक संक्रामक होने के मद्देनजर यूरोप में क्रिसमस के सभी जश्न कार्यक्रम रद्द कर दिए गए। न्यूयॉर्क में कोरोना वायरस के चलते सबसे अधिक मैनहट्टन का सेंट पीटर लूथरन गिरजाघर प्रभावित हुआ। इसके पदाधिकारियों ने बताया कि उसके करीब 60 से अधिक सदस्यों की मौत कोविड-19 की वजह से हुई है। अपने दुख को परे रखते हुए इसके सदस्यों ने मैनहट्टन के एक हिरासत केन्द्र के 100 से अधिक प्रवासी बच्चों को सर्दी से बचसव के लिए कोट, स्कार्फ और अन्य कपड़े दान किए।