आतंकवाद के खिलाफ UN के प्रस्तावों का अनुपालन सुनिश्चित करने की आवश्यकता

Edited By Isha,Updated: 11 Oct, 2018 05:47 PM

need to ensure compliance with un s proposals against terrorism

संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष मारिया फर्नांडिस एस्पिनोसा ने कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का अनुपालन सुनिश्चित करने की आवश्यकता है और आतंकवाद को वैश्विक खतरा मानने की साझा समझ के साथ इन प्रस्तावों को लागू करने में होने...

संयुक्त राष्ट्रः संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष मारिया फर्नांडिस एस्पिनोसा ने कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का अनुपालन सुनिश्चित करने की आवश्यकता है और आतंकवाद को वैश्विक खतरा मानने की साझा समझ के साथ इन प्रस्तावों को लागू करने में होने वाली खामियों को दूर करना चाहिए।

एस्पिनोसा ने कहा कि हालांकि कॉम्प्रिहेंसिव कन्वेंशन अगेंस्ट इंटरनेशनल टेरेरिजम (सीसीआईटी) को अंगीकार करने की प्रक्रिया धीमी है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि संयुक्त राष्ट्र कुछ कर नहीं रहा है अथवा आतंकवाद निरोधक पहलों में प्रगति नहीं हुई है।  उन्होंने कहा कि साझा समझ है कि आतंकवाद वैश्विक खतरा है और आंतकवाद से निपटने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। यह किसी एक देश की पहल नहीं है। यह सामूहिक जिम्मेदारी होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि चीजें हो रही हैं, इसमें सहयोग और प्रतिबद्धता दोनों ही हैं। हमें वास्तव में इन्हें लागू करने में खामियों को कम करना है। मुझे इसे स्वीकार करना होगा। हम प्रत्येक वर्ष अनेक प्रस्ताव परित करते हैं और हमें इस बात को गंभीरता से लेना होगा कि ये लागू हों, इनका अनुपालन हो। आंतकवाद-विरोध के मुद्दे से निपटने के ²ष्टिकोण भिन्न हैं।     गौरतलब है कि भारत ने 1996 में संयुक्त राष्ट्र में सीसीआईटी का मसौदा पेश किया था लेकिन यह मसौदा अब भी मसौदा ही है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों के बीच इस पर एक राय नहीं है। एस्पिनोसा ने स्वीकार किया कि सीसीआईटी पर भारत की पहल बेहद दिलचस्प है और इसकी स्वीकार्यता बढऩी चाहिए।      

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