माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई का ऐलान करने जा रहा नेपाल, पूरी दुनिया को बेसर्बी से इंतजार

Edited By vasudha,Updated: 26 Nov, 2020 04:07 PM

nepal will announce the height of mount everest

पूरे विश्व को जल्द ही माउंट एवरेस्ट अर्थात कोमोलांगमा(सागरमाथा) की ऊंचाई के बारे में जानकारी मिल सकेगी क्योंकि नेपाल मंत्रिमंडल ने चीन के साथ मिलकर विश्व की सबसे ऊंची चोटी की ऊंचाई की घोषणा करने का फैसला किया है। पिछले साल अक्टूबर में नेपाल और चीन...

इंटरनेशनल डेस्क: पूरे विश्व को जल्द ही माउंट एवरेस्ट अर्थात कोमोलांगमा(सागरमाथा) की ऊंचाई के बारे में जानकारी मिल सकेगी क्योंकि नेपाल मंत्रिमंडल ने चीन के साथ मिलकर विश्व की सबसे ऊंची चोटी की ऊंचाई की घोषणा करने का फैसला किया है। पिछले साल अक्टूबर में नेपाल और चीन के बीच इस बात पर सहमति बनी थी कि दोनों देश संयुक्त रूप से माउंट कोमोलांगमा की ऊंचाई और वैज्ञानिक अनुसंधान का संचालन करेंगे, जिसे नेपाल में सागरमाथा और पश्चिम में एवरेस्ट के रूप में जाना जाता है। नेपाली और चीनी सर्वेक्षकों ने दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत की माप प्रक्रिया पूरी करने के बाद इसकी नई ऊंचाई की घोषणा करने की तैयारी की है।

 

एवरेस्ट चीन की साझी विरासत
माउंट क़ोमोलांगमा नेपाल और बचीन की साझी विरासत है। भूमि प्रबंधन, सहकारिता और गरीबी उन्मूलन मंत्री नेपाली मंत्री पद्मा कुमारी आर्यल ने कहा कि बुधवार को कैबिनेट की बैठक ने माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को संयुक्त रूप से घोषित करने के बारे में मेरे प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। पहाड़ की ऊंचाई पर दोनों पक्ष पहले ही एक निष्कर्ष पर पहुंच चुके हैं। हम एक महीने के भीतर ऊंचाई घोषित करने की योजना बना रहे हैं। लेकिन अभी उन्हें इस बारे में फैसला नहीं किया गया है कि ऊंचाई किस मंच पर घोषित की जाएगी। नेपाली सर्वेक्षणकर्ता आवश्यक माप उपकरण लेकर माप का संचालन करने के लिए मई 2019 में पहाड़ की चोटी पर पहुंच गए थे। चीनी सर्वेक्षणकर्ताओं की एक टीम ने इस साल मई में माउंट क़ोमोलांगमा पर भी चढ़ाई की।

 

भूकंप के बाद सिकुड़ गए पहाड़:  वैज्ञानिक
नेपाली अधिकारियों के अनुसार, पहाड़ की ऊंचाई के संबंध में दोनों पक्षों के बीच संवाद हुआ है। ऊंचाई को मापने के नेपाली सरकार के प्रयासों ने कुछ वैज्ञानिकों के अनुमानों के बीच कहा था कि 2015 में नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के बाद दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत सिकुड़ गया है। यह पहली बार था जब नेपाल ने खुद ही उसकी ऊंचाई को मापा था। वर्ष 1954 में भारत द्वारा मापी गई ऊंचाई को ही नेपाल ने 8,848 मीटर की मान्यता दी थी। वर्ष 1975 में, चीनी सर्वेक्षणकर्ताओं ने माउंट कोमोलांगमा को समुद्र तल से 8,848.13 मीटर की ऊंचाई पर मापा, जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा मान्यता दी गई थी। 

 

वास्तविक ऊंचाई की मिलेगी जानकारी 
इस सर्वेक्षण में, चीनी टीम ने, मानव इतिहास में पहली बार, शिखर के ऊपर एक सर्वेक्षण माकर्र खड़ा किया, जिससे पर्वत के आधार से छह सर्वेक्षण बिंदुओं को एक साथ चोटी की ऊंचाई को मापने में मदद मिली। वर्ष 2005 के सर्वेक्षण ने शिखर की चट्टान की ऊंचाई 8,844.43 मीटर और इसकी बर्फ-बर्फ की परत 3.5 मीटर गहरी दर्ज की। वर्ष 1999 में, यूएस नेशनल जियोग्राफिक सोसाइटी और बोस्टन के म्यूजियम ऑफ साइंस ने बर्फ सहित 8,850 मीटर की ऊंचाई की चोटी को मापा। इस खुलासे का पूरे विश्व को इंतजार है की दुनिया की सबसे उंची चोटी माऊंट एवरेस्ट की वास्तविक ऊंचाई अब कितनी है।
 

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