Edited By vasudha,Updated: 12 Apr, 2020 12:18 PM
चीन से पैदा हुए कोरोना वायरस के संक्रमण ने आज दुनिया के एक बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया है। भले ही चीन इस महामारी पर काबू पाने का दावा कर रहा हो लेकिन अब भी इसका खतरा देश पर मंडरा रहा है। डर के मारे चीन ने एक ऐसा फैसला ले लिया है..
इंटरनेशनल डेस्क: चीन से पैदा हुए कोरोना वायरस के संक्रमण ने आज दुनिया के एक बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया है। भले ही चीन इस महामारी पर काबू पाने का दावा कर रहा हो लेकिन अब भी इसका खतरा देश पर मंडरा रहा है। डर के मारे चीन ने एक ऐसा फैसला ले लिया है, जिससे करोड़ो कुत्तों की जान बच जाएगी। दरअसल यहां कुत्ते को पालतू पशु की श्रेणी में डाल दिया है, यानी की अब लोग कुत्ते का मांस नहीं खा पाएंगे।
चीनी कृषि मंत्रालय और ग्रामीण अफेयर ने हाल ही में जानवरों की सूची जारी की जिनका मीट देश में बेचा जा सकता है। इस लिस्ट में सुअर, गाय, मुर्गियां और भेड़ हैं लेकिन कुत्ते और बिल्ली को इससे अलग रखा गया है। चीन ने इससे पहले जंगली जानवरों के खाने पर भी रोक लगा दी थी। पशु कल्याण की दिशा में काम करने वाली संस्थआ ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनल के अनुसार चीन में अभी भी लगभग एक करोड़ कुत्ते प्रति वर्ष मांस के लिए मारे जाते हैं। इनमें चोरी किए जाने वाले पालतू पशु भी शामिल हैं।
ह्युमन सोसायटी इंटरनैशनल ने कहा कि ताजा दस्तावेज से यह जाहिर होता है कि चीन कुत्ते और बिल्ली के मीट के व्यापार को खत्म करने की दिशा में सोच रहा है, जो बेहद सराहनीय है। संस्था ने कहा, 'यह पहली बार है जब चीनी सरकार ने बताया है कि आधिकारिक पशुओं की सूची से कुत्ते को क्यों हटाया गया है, वे साथ रखने वाले जानवर हैं न कि खाने वाले।इसका अनुमान है कि इससे देश में एक साल में एक करोड़ कुत्ते का मीट बेचा जाता है। हर साल ग्वाक्जी प्रांत के युलिन शहर में ही त्योहारों के दौरान हजारोें कुत्तों को मार दिया जाता है।