Edited By Tanuja,Updated: 12 May, 2020 06:03 PM
दुनियाभर के वैज्ञानिक और महामारी विशेषज्ञ कोरोना वायरस के प्रति संवेदनशीलता और उसके दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए ...
इंटरनेशनल डेस्कः दुनियाभर के वैज्ञानिक और महामारी विशेषज्ञ कोरोना वायरस के प्रति संवेदनशीलता और उसके दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए रोज नए शोध कर रहे हैं। इटली के साइंटिफिक इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च के हॉस्पिटलाइजेशन एंड हेल्थकेयर के डॉक्टरों द्वारा किए गए शोध में मोटापे और कोविड-19 के बीच मौजूद संबंधों के अध्ययन में नया खुलासा हुआ है। शोध में सामने आया है कि कोरोना वायरस में मोटे लोगों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। जो लोग मोटापे से ग्रस्त है उन्हें खुद को दोगुने समय तक क्वारंटाइन करना चाहिए।
नए शोध के अनुसार जिनकी BMI 30 से नीचे है उनके लिए 14 दिन का क्वारेंटाइन काफी है, जबकि 30 से ऊपर की BMI वालों के कोरोनावायरस से संक्रमित होने पर 28 दिन के सेल्फ क्वारेंटाइन का सुझाव दिया गया है। फिलहाल वैज्ञानिकों ने इंफ्लूएंजा जैसे एक वायरस से कुछ मोटापे से ग्रस्त लोगों को संक्रमित कर उनके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों की जांच की। इस अध्ययन में पता चला कि मोटे लोग संभावित रूप से तीन प्राथमिक कारणों से सामान्य वजन वाले कोविड-19 रोगियों की तुलना में अधिक संक्रामक होते हैं। मोटे रोगियों में पतले लोगों की तुलना में अधिक समय तक इन्फ्लूएंजा जैसे वायरस शरीर में मौजूद रहता है।
इससे संभावित रूप से वो अवधि बढ़ जाती है, जिसमें वे वायरस को दूसरों तक फैला सकते हैं। वहीं, मोटे रोगियों में सूजन बढ़ने से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिससे वायरस के लक्षण बदतर हो सकते हैं। शोध के अनुसार उच्च BMI का संबंध ज्यादा वायरस फैलाने से संबंधित है क्योंकि मोटे लोग ज्यादा तेजी से सांस खींचते और छोड़ते हैं। इन तीन कारणों की वजह से मिलान के वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया है कि मोटापे से ग्रस्त लोगों के सेल्फ क्वारेंटाइन की अवधि दुबले लोगों की तुलना में दोगुनी होनी चाहिए। इसका मतलब है कि 30 से ज्यादा BMI वालों के क्वारेंटाइन की अवधि 28 दिन होनी चाहिए।
इस शोध के बाद मोटापे से ग्रस्त लोगों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ गई है। अमेरिका में 60 फीसदी लोगों की BMI 30 फीसदी से ऊपर है। ऐसे लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर इलाज के दौरान विभिन्न अंगों पर बेहद दुष्प्रभाव पड़ता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि मोटापे से ग्रस्त लोगों को कोरोनावायरस से बचने के लिए अधिक सर्तक रहने की जरूरत है।