Edited By Tanuja,Updated: 27 Dec, 2020 04:12 PM
नेपाल में राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी द्वारा प्रतिनिधि सभा को भंग करने और मध्यावधि चुनाव की तिथि घोषित करने के बाद देश में सियासी संकट ...
इंटरनेशनल डेस्कः नेपाल में राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी द्वारा प्रतिनिधि सभा को भंग करने और मध्यावधि चुनाव की तिथि घोषित करने के बाद देश में सियासी संकट गहरा गया है। राजनीतिक उठा-पटक के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सरकार द्वारा संसद को भंग करने एक सप्ताह बाद राष्ट्रपति को संसद के उच्च सदन का शीतकालीन सत्र एक जनवरी को बुलाने की सिफारिश की है।
ओली के फैसले के बाद से ही सत्तारूढ़ पार्टी के बागी तथा विपक्षी दल देश भर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच स्वास्थ्य मंत्री हृदयेश त्रिपाठी ने बताया कि शुक्रवार देर शाम आयोजित एक कैबिनेट बैठक में सिफारिश की गई कि राष्ट्रपति एक जनवरी को नेशनल असेंबली (उच्च सदन) का शीतकालीन सत्र बुलाएं।यह बैठक प्रधानमंत्री ओली द्वारा आठ मंत्रियों को शामिल करने और उनके पांच मंत्रियों के पोर्टफोलियो को बदलने के लिए मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद आयोजित की गई।
बता दें कि नेपाल का सुप्रीम कोर्ट भी निचले सदन (प्रतिनिधि सभा) को भंग करने के खिलाफ दायर 13 रिट याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है और उसने शुक्रवार को ओली सरकार को ‘कारण बताओ’ नोटिस भी जारी करते हुए लिखित स्पष्टीकरण मांगा है।